बाकी बचे बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल का नया ऑपरेशन, हमास के खिलाफ तेज किया अभियान
Israel launches new operation in Gaza : इजराइल ने गाजा पट्टी में 'ऑपरेशन गिदोन रथ' नामक एक नया सैन्य अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य हमास पर दबाव बनाकर बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना है। इस अभियान की घोषणा शनिवार को इजराइली रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने की। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन "पूरी ताकत" के साथ संचालित किया जा रहा है। इजराइल ने यह अभियान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मध्य पूर्व का दौरा पूरा होने के एक दिन बाद शुरू किया है।
बंधकों को छुड़ाने के लिए दबाव बनाया
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहले ही संकेत दिया था कि गाजा में हमास को समाप्त करने और बंधकों को छुड़ाने के लिए दबाव और तेज किया जाएगा। यह सैन्य अभियान ऐसे समय में शुरू किया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना मध्य पूर्व दौरा समाप्त किया, लेकिन इस बार वे इजराइल नहीं गए। ट्रंप की यात्रा से पहले कुछ उम्मीदें थीं कि इससे संघर्ष विराम या मानवीय सहायता बहाल हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
150 से अधिक लोगों की मौत हुई
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में इजराइल हमलों में 150 से अधिक लोगों की मौत हुई है। कुल मिलाकर, 18 मार्च को संघर्षविराम टूटने के बाद से 3,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। हमलों में जबालिया शरणार्थी शिविर में एक घर पर हमला हुआ, जिसमें चार बच्चों की मौत हो गई। दिर अल-बलाह में भी एक महिला और तीन बच्चों सहित कई लोगों की जान गई। इजराइल का दावा है कि इस अभियान में उत्तरी गाजा में एक भूमिगत मार्ग को नष्ट किया गया और दर्जनों हमास लड़ाके मारे गए। हालांकि, नागरिकों की लगातार होती मौतों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ रही है।
अकाल की स्थिति में पहुंच सकता है गाजा
गाजा वर्तमान में तीसरे महीने के पूर्ण ब्लॉकेड में है, जिसमें खाद्य, पानी, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पूरी तरह बंद है। खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह नाकाबंदी नहीं हटाई गई तो गाजा अकाल की स्थिति में पहुंच सकता है। उल्लेखनीय है कि 07 अक्टूबर 2023 को हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने दक्षिणी इजराइल में हमला किया था, जिसमें 1,200 लोगों की मौत और 251 लोगों का अपहरण हुआ था। इसके जवाब में शुरू हुई इजराइली कार्रवाई में अब तक 53,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।