Kisan Andolan:फिर शुरू होगा किसान आंदोलन ! चुनाव से पहले मोदी की नई चुनौती

 

Kisan Andolan: क्या एक बार फिर दिल्ली के बॉर्डर पर किसान धरना देंगे। क्या फिर उन्हें रोकने के लिए सरकार सख्ती करेगी। चौंकिए मत एक बार फिर से ऐसा ही माहौल बन रहा है। क्योंकि किसान अब एमएसपी गारंटी के वादे के पूरा होने का इंतजार लंबा खींचने के मूड में नहीं है। जी हां 13 फरवरी को देश भर के 200 से ज्यादा किसान संगठन दिल्ली मार्च कर जंतर-मंतर पहुंचने वाले हैं।

उनका कहना है जिन वादों के साथ केंद्र सरकार ने 13 महीने चले किसानों आंदोलन को खत्म कराया था। और उनके भरोसे किसान दिल्ली की सीमाओं को खाली कर वापस अपने खेत लौट गए थे। उन वादों का इंतजार करते-करते 20 महीने से ज्यादा बीत गए हैं। और अब उन्हें पूरा करने के मूड में सरकार नहीं दिख रही है।

MSP गारंटी का इंतजार

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनुसार, जब किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, तब केंद्र ने MSP को कानूनी गारंटी देने का वादा किया था, लेकिन कॉरपोरेट क्षेत्र के दबाव के कारण सरकार अपना वादा पूरा नहीं कर रही है।

केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों के की वापसी के साथ ही MSP के मुद्दे पर एक समिति बनाकर मुद्दे का समाधान निकालने की बात कही थी।

इसके बाद पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन हुआ। लेकिन अब जब चुनाव नजदीक है। और नई सरकार के गठन का समय आ गया, उसके बावजूद समिति की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।समिति का गठन 12 जुलाई, 2022 को हुआ था। और इसकी अब तक 36 बैठकें हो चुकी है। लेकिन कोई फाइनल रिपोर्ट सामने नहीं आई है।

16 फरवरी को भारत बंद की तैयारी

दिल्ली कूच के अलावा किसानों ने ने 16 फरवरी को भारत बंद का भी ऐलान किया है। भारत बंद की जानकारी देते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि इसमें कई अन्य संगठन भी हमारे साथ शामिल हो रहे हैं। टिकैत ने किसानों से यह भी अपील की है कि 16 फरवरी को भारत बंद के दौरान खेतों में काम नहीं करे। इसके अलावा दुकानों को भी बंद करने का अनुरोध किया है।

टिकैत ने कहा है कि पहले भी किसान ‘अमावस्या’ के दिन खेतों में काम करना छोड़ देते थे। इसी तरह, 16 फरवरी का दिन किसानों के लिए ‘अमावस्या’ है। उन्हें उस दिन ‘कृषि हड़ताल’ का सहारा लेना चाहिए।

जाहिर है किसान आम चुनावों को देखते हुए एक बार फिर सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं, जिससे उनकी मांगे पूरी हो सके। अब देखना है कि किसानों के इस रूख के बाद सरकार आने वाले दिनों में क्या कदम उठाती है। ……..