Gorakhpur Chunav Survey: यहां फेल हो रहा है सपा का जाति कार्ड, वोटर्स का नजरिया बदला

 

Gorakhpur Loksabha Chunav Survey: आम चुनाव 2024 के लिए तारीखों का ऐलान अब कभी भी हो सकता है. बता दें कि मई के आखिरी हफ्ते तक नई सरकार का गठन होना है. इन सबके बीच इंडिया अड्डा की टीम गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के कैंपियरगंज विधानसभा का दौरा किया था. यहां हमने मतदाताओं से कुल 7 सवाल किए थे. लेकिन उससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव का जिक्र करेंगे जहां से काजल निषाद को हार का सामना करना पड़ा था. बता दें कि काजल निषाद को समाजवादी पार्टी ने लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर उतारा है. 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के फतेह बहादुर सिंह ने काजल निषाद को 42 हजार से अधिक मतों से हराया था.2022 में करीब 54 फीसद मतदान हुआ था.

कैंपियरगंज पर बीजेपी का कब्जा

2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के फतेह बहादुर सिंह को 1, 22, 032 मत और काजल निषाद को 79, 376 मत मिले थे. अगर इस सीट के इतिहास पर नजर डालें तो यहां बीजेपी का सिक्का चलता रहा है. यहां एक बात और गौर करने लायक है कि अगर एसपी और बीएसपी के मतों को मिला भी दें तो बीजेपी उम्मीदवार पर किसी तरह का फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है.

कैंपियरगंज का जातीय समीकरण

कैंपियरगंज विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 3.64,225 है, जिसमें पुरुष 2,04, 102 और महिला मतदाता 1, 71, 546 है. यहां अगर जातियों की बात करें तो निषाद मतदाताओं की संख्या 45 हजार है, वहीं कायस्थ और अनुसूचित जाति की संख्या 40 हजार है. ब्राह्मण 37 हजार, राजपूत 34 हजार, यादव 35 हजार. मुस्लिम 35 हजार, वैश्य 25 हजार, कुर्मी 25 हजार, सैंथवार 15 हजार, मौर्य 15 हजार हैं. इस दफा के सर्वे में हमने सभी जाति के लोगों के मूड को समझने की कोशिश की.

सवाल नंबर 1- हमने निषाद समाज से सीधा सवाल किया कि बीजेपी या सपा ?

जवाब नंबर 1- करीब 45 हजार निषाद वोटर्स में से करीब 70 फीसद का झुकाव सपा उम्मीदवार काजल निषाद की तरफ था. हालांकि 30 फीसद में करीब 20 फीसद ऐसे भी वोटर रहे जिनका झुकाव गोरखनाथ मंदिर की तरफ था. शेष 10 फीसद मतदाता बंटे हुए नजर आए.

सवाल नंबर 2- अगड़ी जातियों से भी सीधे सीधे यही सवाल था कि बीजेपी या सपा ?

जवाब नंबर 2- अगर आप अगड़ी जाति को देखें तो यह संख्या मिलाकर सवा लाख के करीब है, इसमें करीब 90 फीसद लोगों का मत था कि प्रदेश और देश के लिए बीजेपी से बेहतर कोई और दल नहीं हो सकता. शेष 10 फीसद वो लोग थे जो व्यक्तिगत तौर पर किसी भी दल से जुड़े हुए थे.

सवाल नंबर 3- अन्य पिछड़ी जातियों से भी यही सवाल किया गया कि बीजेपी या सपा या कोई और ?

जवाब नंबर 3-  अन्य पिछड़ी जाति के वोटर्स की संख्या भी करीब 1 लाख है. इसमें 90 फीसद यादव मतदाताओं का रुझान सपा की तरफ था. लेकिन 10 फीसद वोटर्स के मूड में बदलाव नजर आया. खासतौर से युवा मतदाताओं को रुझान बीजेपी की तरफ दिखा. वहीं गैर यादव मतदाताओं में बीजेपी, सपा पर भारी नजर आई.

सवाल नंबर 4- अनुसूचित जाति और मुस्लिम समाज का क्या था रुख ?

जवाब नंबर 4- कैंपियरगंज में एससी और मुस्लिम समाज की आबादी करीब 75 हजार है. एससी समाज में अभी भी बीएसपी का क्रेज कायम है. लेकिन इस समाज के युवाओं की सोच में बदलाव नजर आ रहा है. बीएसपी के निष्क्रिय होने से इस समाज के मतदाताओं में भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है, हालांकि मुस्लिम समाज में एक ही ट्रेंड नजर आया. यानी कि जो भी दल बीजेपी को परास्त करने में सक्षम होगा उसे वोट करेंगे.

सवाल नंबर 5- पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर क्या है नजरिया ?

जवाब नंबर 5- इस सवाल का जवाब दिलचस्प था. अगड़ी जातियों में इन दोनों नाम का क्रेज बरकरार है. बीजेपी के कट्टर समर्थकों के साथ साथ वैसे वोटर्स जो किसी दूसरे दल से जुड़े हुए हैं उनका भी कहना है कि आप दलगत विचार को एक पल के लिए नजरंदाज कर दें तो देश को इस तरह के लोगों की ही जरूरत है.

सवाल नंबर 6- सीएम योगी आदित्यनाथ के बारे में एक खास सवाल था. कितने फीसद लोग उन्हें पीएम के तौर पर देखना चाहते हैं ?

जवाब नंबर 6- इस सवाल का जवाब बेहद दिलचस्प था. कैंपियरगंज में करीब 55 फीसद मतदाताओं ने कहा कि महाराज जी ने यूपी की तस्वीर बदल दी है. यूपी तो देश की ही तरह है. उनमें यह क्षमता है कि वो देश  का भी नेतृत्व कर सकते हैं. खास बात यह थी कि यह मतदाताओं के हर वर्ग का नजरिया था.

सवाल नंबर- 7  यहां के विधायक फतेह बहादुर सिंह के बारे में क्या नजरिया है ?

जवाब नंबर 7- इस सवाल का जवाब बेहद दिलचस्प था. करीब 70 फीसद लोगों ने कहा कि जो शख्स 2012 से लगातार चुनाव जीत रहा हो उसके बारे में आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि वो किस तरह के शख्स होंगे. इसी सवाल को हमने अलग अलग जाति समूहों से पूछा तो हमें सबसे अच्छी बात यह नजर आई कि चाहे किसी ने मत दिया हो या नहीं दिया हो उनके व्यवहार के लोग मुरीद नजर आए.