2024 में रवि किशन या काजल निषाद, क्या सोचती है गोरखपुर की जनता ?

 

Gorakhpur Loksabha Survey 2024:  गोरखपुर सदर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने काजल निषाद पर एक बार फिर भरोसा जताया है. हाल ही में समाजवादी पार्टी ने 16 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया. काजल निषाद उनमें से एक हैं. आम चुनाव 2024 को लेकर गोरखपुर में भी सरगर्मी तेज हो चुकी है. 2019 में बीजेपी के रविकिशन ने जीत दर्ज की थी. गोरखपुर सदर लोकसभा सीट में कैंपियरगंज, गोरखपुर सदर, गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच और सहजनवां सीट है. तीन विधानसभाओं कैंपियरगंज, पिपराइच और गोरखपुर ग्रामीण में निषाद आबादी की अच्छी खासी तादाद है. अब जबकि समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है तो इंडिया अड्डा की टीम ने जनता के मूड को समझने की कोशिश की. हमने जनता से कुल पांच सवाल पूछे और उसका जो जवाब मिला उसे हम आपके सामने पेश कर रहे हैं.

सवाल नंबर 1- आप समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार काजल निषाद को कितना जानते हैं.

जवाब- इस सवाल के जवाब में करीब 70 फीसद ने लोगों ने कहा कि वो सपा उम्मीदवार के नाम से परिचित हैं. अगर विधानसभा के हिसाब से बात करें तो कैंपियरगंज, पिपराइच और गोरखपुर ग्रामीण के इलाकों में खासतौर से निषाद बिरादरी के करीब 90 फीसद लोग इस नाम से परिचित हैं.

सवाल नंबर-2 अगर बीजेपी के मौजूदा उम्मीदवार रविकिशन को दोबारा मौका मिलता है तो क्या काजल निषाद टक्कर दे पाएंगी.

जवाब- करीब 75 फीसद लोगों ने कहा कि निश्चित तौर पर वो टक्कर देंगी. लेकिन हमें यह देखना होगा कि बीएसपी की तरफ से कौन सा उम्मीदवार सामने आता है. अगर बीएसपी की तरफ से मुस्लिम समाज का कोई शख्स आता है तो उस स्थिति में सपा के उम्मीदवार के लिए को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा.

सवाल नंबर-3. एक अहम सवाल बीजेपी सांसद रविकिशन के बारे में पूछा गया उनके कामकाज से कितना संतुष्ट हैं.

जवाब- इस सवाल के जवाब में करीब 60 फीसद जनता ने नाखुशी जाहिर की. खासतौर से पिपराइच, कैंपियरगंज, सहजनवां और गोरखपुर ग्रामीण के लोग खुश नजर नहीं आए. लोगों ने कहा कि अगर रविकिशन को देखें तो उन्होंने कुछ काम तो किया है लेकिन वो शहर तक ही केंद्रित रहा है.

सवाल नंबर -4  क्या सीएम योगी आदित्यनाथ की इमेज का फायदा बीजेपी कैंडिडेट को मिलेगा.

जवाब- इस सवाल के जवाब में सभी विधानसभाओं में 90 फीसद से अधिक लोगों ने कहा कि महाराज की वजह से ही तो तरक्की हो रही है. आखिर उन्हें कैसे नकारा जा सकता है. यहां लोग भले ही कुछ भी कहें चुनाव आते आते लोगों को यह लगने लगता है कि लोकसभा का उम्मीदवार कोई भी क्यों ना हो. वो अपना मत तो योगी आदित्यनाथ को ही दे रहे हैं.

सवाल नंबर 5- पीएम मोदी के करिश्मे और राम मंदिर का चुनाव पर कितना असर होगा.

जवाब- करीब 85 फीसद लोगों ने कहा कि देश को तो ऐसे ही शख्स की जरूरत है जो वैश्विक पटल पर भारत की बात दमदारी से रख सके. पीएम मोदी की अगुवाई में देश का मान सम्मान बढ़ा है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से एक बात तो साफ है कि वही एक ऐसे शख्स हैं जो वादों को जमीन पर उतारते हैं. निश्चित तौर पर जब बात लोकसभा चुनाव की है तो उनका करिश्मा काम करेगा.