Padmshree: गुमनाम नायकों को सलाम, जानिए कौन हैं वे 34 लोग जिन्हें मिला पद्मश्री

 

Padmshree Award : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। कुछ 132 लोगों को नागरिग सम्मान देने की घोषणा हुई। इनमें कुछ नाम ऐसे हैं जिनके बारे में कभी सुना नहीं गया। अपने काम से समाज में बदलाव लाने का बीड़ा उठाने वाले 34 लोगों को इस बार पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है। सम्मानित होने वालों में भारत की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ, आदिवासी पर्यावरणविद चामी मुर्मू, मिजोरम का सबसे बड़ा अनाथालय चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता संगथंकिमा और प्लास्टिक सर्जन प्रेमा धनराज शामिल हैं।

जैविक किसान के. चेल्लामल हुए सम्मानित

75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी की गई सूची में दक्षिण अंडमान के जैविक किसान के. चेल्लामल, अंतरराष्ट्रीय मल्लखंभ कोच उदय विश्वनाथ देशपांडे, प्रसिद्ध सूक्ष्म जीवविज्ञानी यजदी मानेकशा इटालिया, उखरुल के लोंगपी कुम्हार माचिहान सासा भी शामिल हैं। प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान गद्दाम सम्मैया थिएटर कलाकार चिंदु यक्षगानम (जनगांव से) को भी मिला है, जिन्होंने 19,000 से अधिक शो में पांच दशकों से अधिक समय तक इस कला का प्रदर्शन किया।

छऊ मुखौटा निर्माता को भी पद्मश्री

भीलवाड़ा के बहरूपिया कलाकार जानकीलाल, नारायणपेट के दमरागिड्डा गांव के तीसरी पीढ़ी के बुर्रा वीणा वादक दसारी कोंडप्पा, पीतल मारोरी शिल्पकार बाबू राम यादव और छऊ मुखौटा निर्माता नेपाल चंद्र सूत्रधार भी सूची में शामिल हैं। मंगन के बांस शिल्पकार जॉर्डन लेप्चा, कोयंबटूर के वल्ली ओयिल कुम्मी लोक नर्तक बदरप्पन एम, मूर्तिकार सनातन रुद्र पाल जो साबेकी दुर्गा की मूर्तियों को तैयार करने में माहिर हैं, बरगढ़ के शब्द नृत्य लोक नर्तक भगवत प्रधान भी पद्म श्री विजेताओं में से हैं।

अपने क्षेत्रों में किया शानदार काम

इस सूची में कन्नूर के थेय्यम लोक नर्तक नारायणन ईपी, मालवा क्षेत्र के माच थिएटर कलाकार ओमप्रकाश शर्मा, त्रिपुरा की चकमा लोइनलूम शॉल बुनकर स्मृति रेखा चकमा, गंजम के कृष्ण लीला गायक गोपीनाथ स्वैन, पहली महिला हरिकथा प्रतिपादक उमा माहेश्वरी डी. और कल्लुवाझी कथकली नर्तक बालकृष्णन सदनम पुथिया वीटिल भी शामिल हैं।

चित्रकार बिस्वास को अवॉर्ड

टिकुली चित्रकार अशोक कुमार बिस्वास को पिछले पांच दशकों में अपने प्रयासों के माध्यम से मौर्य युग की कला के पुनरुद्धार के लिए सम्मानित करने की घोषणा की गई है। भदु लोक गायक रतन कहार, गोदना चित्रकार शांति देवी पासवान और शिवन पासवान को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।

आदिवासी समुदाय के लोगों को सम्मान

चिरांग के आदिवासी किसान सरबेश्वर बसुमतारी, आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता सोमन्ना, पूर्वी सियांग स्थित हर्बल चिकित्सा विशेषज्ञ यानुंग जमोह लेगो, नारायणपुर के पारंपरिक औषधीय चिकित्सक हेमचंद मांझी, सिंदरी गांव के आदिवासी पर्यावरणविद पुरुलिया दुखु माझी, कासरगोड के चावल किसान सत्यनारायण बेलेरी जिन्होंने चावल की 650 किस्मों को संरक्षित किया, सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह और जशपुर के आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव भी शामिल हैं।