दिल्ली के पांडव नगर 4 साल की बच्ची से रेप, लोगों में भारी आक्रोश, पंचायत में उठी आरोपी को फांसी देने की मांग
Pandav Nagar Rape Case : पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर में होली से चंद रोज पहले चार साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की घिनौनी वारदात हुई। मासूम और नन्हीं जान के साथ जो दरिंदगी हुई उसने लोगों की रूह को झकझोर दिया। मासूम को उम्र भर के लिए पीड़ा और दर्द देने वाला कोई और नहीं पड़ोसी ही निकला। यह दरिंदा उस महिला ट्यूटर का भाई है जिसके यहां गुड़िया अपनी पढ़ाई के पन्ने की शुरुआत कर रही थीलेकिन क्या पता था कि जिंदगी भर के लिए उसे एक ऐसा मानसिक आधात लगेगा जिसकी वजह से लोगों पर से उसका भरोसा उठ जाएगा।
इस घटना से लोग हिल गए हैं। आम तौर पर शांत रहने वाले इस इलाके में छिटपुट घटनाएं तो होती रही हैं लेकिन हाल के वर्षों में इस तरह का जघन्य अपराध पहली बार देखने में आया है। मामले ने तूल पकड़ ली है और संवेदनशील भी हो गया है क्योंकि आरोपी दूसरे समुदाय से है। ऐसे में पुलिस को तत्काल हरकत में आना ही था। आरोपी तुरंत गिरफ्तार हुआ। पूरे पांडव नगर में पुलिस का कड़ा पहरा है। चाक-चौकसी बढ़ा दी गई है। नाकेबंदी इतनी बढ़ी कि लोगों और यहां तक कि मीडिया को पीड़िता के घर से संपर्क करना मुश्किल हो गया।
गाड़ियों के आने-जाने पर लगी रोक
पांडव नगर की इस कलंक कथा ने जनता को बेचैन कर दिया। वह सक्रिय हुई। गुड़िया को न्याय दिलाने की ठानी और मुहिम शुरू की। पार्षद यशपाल कैंतुरा और अन्य लोगों ने 31 मार्च के लिए एक बड़ी पंचायत की योजना बनाई। तय हुआ कि पंचायत राधाकृष्ण मंदिर के सामने होगी और दोषियों को फांसी देने की मांग होगी। पंचायत की जानकारी मिलते ही पुलिस के खान खड़े हो गए। 30 मार्च की शाम से ही पांडव नगर के एंट्री प्वाइंट और डी पार्क के पास बैरिकेडिंग का बंदबोस्त हो गया। अगले दिन यानी रविवार को पांडव नगर में निषेधाज्ञा यानी धारा 144 लागू हो गई। सैकड़ों की संख्या में पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। गाड़ियों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई।
लोगों में सुरक्षा को लेकर अजीब सा डर
प्रशासन ने राधा कृ्ष्ण मंदिर के सामने पंचायत करने की इजाजत तो नहीं दी लेकिन आक्रोश और गुस्से को देखते हुए उसने रामलीला मैदान में इसकी इजाजत दे दी। तय समय से पहले ही रामलीला मैदान गुड़िया को न्याय दिलाने के लिए उमड़ पड़ा। लोगों का कहना इस वारदात के बाद विश्वास करना मुश्किल हो गया है।किस गली, किस मकान और फ्लैट में भेड़िये छिपे हुए हैं। कुछ कहा नहीं जा सकता। एक अजीब सा डर और खौफ लोगों के दिलो-दिमाग में पसर गया है। सबकी यही चिंता है कि उनके बच्चे कैसे सुरक्षित रहेंगे।
यूपी पुलिस जैसी कार्रवाई चाहते हैं लोग
लोगों की बातचीत से जाहिर था कि वो पुलिसिया कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। वे यूपी पुलिस जैसी फैसला ऑन द स्पॉट वाली कार्रवाई देखना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस भी योगी पुलिस जैसा ‘करतब’ दिखाए। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इस मामले में दिल्ली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाया।