लोकसभा चुनाव में ‘INDI’ ब्लॉक के 3 बड़े पेंच, ममता के तेवर और नीतीश पर ऊहापोह बड़ी चुनौती
Loksabha election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दलों अपनी तैयारी में जुटे हैं। कहीं चुनावी रणनीति एवं कैम्पेन को अंतिम रूप दिया जा रहा है तो कहीं सीट बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है। इस बार मुख्य चुनावी लड़ाई भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रित गंठबंधन (NDA) और विपक्षी दलों के गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के बीच है। अभी तक की अगर बात करें तो चुनाव की तैयारी में भाजपा बढ़त ले चुकी है तो ‘इंडी’ अलायंस अपने गतिरोध में फंसा हुआ है। यहां सबसा बड़ा पेंच सीट बंटवारे को लेकर फंसा हुआ है। यह हम इस गठबंधन के तीन प्रमुख गतिरोधों के बारे में चर्चा करेंगे।
सीट बंटवारे पर फंसा पेंच
‘इंडी’ अलायंस का सबसे बड़ा पेंच सीट बंटवारे को लेकर फंसा हुआ है। बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा इसे लेकर खींचतान चल रही है। बंगाल में तो तृणमूल कांग्रेस ने अपने तेवर कड़े कर लिए हैं। ममता बनर्जी कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने यहां तक कह दिया कि पार्टी सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बड़े राज्य महाराष्ट्र जहां यूपी के बाद सबसे ज्यादा 48 सीटें आती हैं। यहां भी उद्धव ठाकरे अपने लिए ज्यादा सीटें मांग रहे हैं। सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव भी अपने लिए ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहते हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के रुख को देखते हुए लगता है कि दोनों पार्टियों में पंजाब और गोवा के लिए सीट समझौता हो जाएगा।
नीतीश कुमार पर ऊहापोह
‘INDI’ गठबंधन को आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार पर सबकी नजरें लगी हुई हैं। उन्हें लेकर कई तरह की सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ राजनीतिक पंडितों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले वह एक बार फिर एनडीए के खेमे में शामिल हो सकते हैं। चर्चा उनकी राजद से मनमुटाव को लेकर है। हालांकि, नीतीश ने या उनकी पार्टी ने खुद कभी यह नहीं कहा है कि वह गठबंधन को छोड़ रहे हैं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी मानते हैं कि नीतीश एक बार फिर भाजपा के साथ जा सकते हैं। बहरहाल, गठबंधन में नीतीश कुमार का किरदार सबसे दिलचस्प रहने वाला है।
पीएम फेस तय नहीं
राजग की तरफ से जहां नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं तो वहीं ‘इंडी’ गठबंधन अपने लिए कोई चेहरा नहीं ढूंढ पाया है। गठबंधन के अहम दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुखिया शरद पवार सहित अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि वे बिना पीएम चेहरे के चुनाव लड़ेंगे। पीएम चेहरे को लेकर टीएमसी, जद-यू जैसे दलों की अपनी महात्वकांक्षाएं हैं। इसीलिए कोई भी दल ये नहीं चाहता कि चुनाव से पहले किसी चेहरे को पीएम पद के लिए आगे किया जाए।