Modi Vs Nehru: मोदी नेहरू से क्यों करते हैं मुठभेड़, वो 3 वजह जिससे शुरू हुई ये लड़ाई
Modi Vs Nehru: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा है। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेहरू आरक्षण विरोधी थी। इसके पहले वह लोकसभा में कह चुके हैं कि नेहरू भारतीयों की क्षमता को कम आते थे । यह कोई पहला मौका नहीं जब मोदी ने नेहरू पर सवाल उठाए हैं। वह कश्मीर नीति, विदेश नीति, चीन सहित कई मुद्दे पर नेहरू की नीतियों की आलोचना कर चुके हैं।
अब सवाल उठता है कि बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री से मुठभेड़ क्यों लेते हैं । वह आज के दौर के किसी नेता से ज्यादा नेहरू पर निशाना क्यों साधते हैं। यहां तक कि वह कांग्रेस की शक्तिशाली नेता रही इंदिरा गांधी पर भी नेहरू की तुलना में कम निशाना साधते हैं। तो नेहरू ही उनके निशानी पर क्यों है ।
विचारधारा
तो इसको समझने के लिए हमें टकराव को दो अहम मुद्दों को समझना होगा। पहला मुद्दा विचारधारा का है। जो नेहरू की सोच और भाजपा और उसे मातृ संगठन की की सोच यानी विचारधारा का है। और दूसरा मुद्धा 70 साल पहले की एक घटना है, जिसे आरएसएस और भाजपा आज तक नहीं भूले हैं।
पहले बात विचारधारा की करते हैं। असल में नेहरू और कांग्रेस पिछले 60-65 साल में जिस धर्म निरपेक्षता, समाजवाद के साथ आगे बढ़े हैं, उसे भाजपा भारत के लिए सही नहीं मानता है। उसका कहना है तुष्टीकरण, कमजोर विदेश नीति का ही परिणाम है कि भारत में कश्मीर की समस्या खड़ी हुई और चीन ने भारत को दबाया। इसी तरह भाजपा नेहरू की अंग्रेजपरस्त नीति का अगुआ मानती है। उसका कहना है कि इस वजह से हिंदूवाद और सांस्कृतिकवाद पीछे रह गए। भाजपा को इसी मॉडल से आज देश के एक बड़े हिस्से में जन समर्थन मिल रहा है।
आरएसएस पर लगा प्रतिबंध
अब बात करते हैं 70 साल पहले कि वह घटना। जिसकी वजह से आरएसएस पर नेहरू ने बैन लगा दिया था। असल में जब महात्मा गांधी की हत्या हुई थी तो उसमें आरएसएस और वीर सावरकर का भी नाम आया था हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने आरएसएस को बैन कर दिया था ।आज भी आरएसएस और भाजपा को वह टीस बनी हुई है।
एक बात और भी अहम है कि नेहरू एकमात्र से नेता है जो कभी भी आरएसएस के करीब नहीं गए। यहां तक कि गांधी, अंबेडकर, पटेल ने भी आरएसएस पर नेहरू जैसा रूख नहीं रखा।
सबसे बड़ा कौन
अब बात फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करते हैं। आझ मोदी का कद ऐसे नेता का हो चुका जो अब वह सीधे नेहरू से टक्कर ले सकते हैं । क्योंकि आजाद भारत में जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता है वैसी लोकप्रियता केवल नेहरू की ही रही है । और अगर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा और एनडीए की सरकार बनती है तो ऐसा करने वाले वह पहले गैर कांग्रेसी नेता होंगे जो लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनेंगे। ऐसा कारनामा इंदिरा गांधी भी नहीं कर पाई थी। ऐसा करने वाले केवल जवाहरलाल नेहरू थे । तो यह लड़ाई व्यक्तिगत, विचारधारा और 70 साल पुरानी टी की है । क्योंकि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आजाद भारत का सबसे कद्दावर नेता बनना है तो उन्हें निश्चित तौर पर जवाहरलाल नेहरू से आगे जाना होगा ।
और ऐसा तभी होगा जब नेहरू को लोग खलनायक माने। क्योंकि नायक कद तभी उभरता है जब कोई बड़ा खलनायक सामने होता है। तो 2024 की राजनीति में आने वाले दिनों में कई और रंग दिखेंगे।.