15 राज्यों के माथे पर Paper Leak का दाग, प्रतियोगी छात्र होते रहे तबाह
Paper Leak Case: आप तन मन धन से एग्जाम की तैयारी करते हैं. लेकिन जब पता चलता है कि एग्जाम कैंसिल हो गया है तो इंतजार के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता. छोटी परीक्षाओं के पेपर लीक के साथ अब राज्य लोकसेवा आयोग के एग्जाम भी फ्री और फेयर तरह से संपन्न नहीं हो पा रहे हैं. हाल ही में 28 जनवरी को झारखंड एसएससी की परीक्षा को इसी वजह से कैंसिल कर दिया गया. इस तरह के हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने संसद में पांच फरवरी को पब्लिक एग्जामिनेशन के संबंध में एक बिल पेश किया है.इस बिल में पेपर लीक के लिए जिम्मेदार लोगों को 10 साल की सजा और एक करोड़ रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. संसद में सरकार ने कहा कि इसे राज्य सरकारें मॉडल के तौर पर अपने यहां लागू कर सकती हैं हालांकि यह किसी राज्य पर बाध्यकारी नहीं है.
सिर्फ सरकारों का बदला चेहरा, मर्ज वही
एक मीडिया संस्थान ने पिछले पांच वर्षों में देश के 15 अलग अलग राज्यों में पेपर लीक के करीब 41 मामलों की तहकीकात की. खास बात यह है जिन 15 राज्यों में पेपर लीक की जांच हुई वहां किसी एक पार्टी की सरकार नहीं थी. कहने का अर्थ यह है कि पेपर लीक के मामले पार्टियों सीमारेखा से परे है.यानी कि सरकारों की कमान किसी भी पार्टी के हाथ में हो पेपर लीक के मामले में सामने आते रहे. पिछले पांच वर्षों में करीब 1 लाख पदों के लिए एक करोड़ से अधिक छात्रों ने अलग अलग परीक्षाओं के लिए आवेदन किया था.लेकिन पेपरलीक की वजह से उनका समय और पैसे दोनों बर्बाद हुए. बड़ी बात यह है कि इस तरह के मामलों की वजह से परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठ खड़ा होता है.
इन राज्यों में हो चुके हैं पेपर लीक
देश में राजस्थान एक ऐसा सूबा है जहां पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक सात बार पेपर लीक के केस सामने आए. विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए यह बड़ा मुद्दा था. इस मुद्दे पर बीजेपी ने तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार की घेरेबंदी भी की थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने तो यहां तक तक कहा था कि राजस्थान की सरकार सभी सरकारी परीक्षाओं के पेपर बेचने का काम कर रही है. इसी तरह तेलंगाना में भी पेपर लीक के पांच केस सामने आ चुके हैं.
खास बात यह है कि तेलंगाना लोकसेवा आयोग के पेपर लीक केस में एक 22 साल की महिला ने जब सुसाइ़ड कर लिया तो राजनीतिक तौर पर यह मामला गर्माया.2022 में बिहार लोकसेवा आयोग की प्रिलिमनरी एग्जाम को कैंसिल करना पड़ा उस एग्जाम में कुल 6 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इसी तरह जून 2023 में बिहार में टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट में पेपर लीक का सामना आया. यही नहीं नवंबर 2021 में यूपी सरकार की पेपर लीक की वजह से एग्जाम कैंसिल करना पड़ा. इन आंकड़ों से साफ है कि यह मर्ज किसी खास राज्य तक सीमित नहीं है. केंद्र सरकार के बिल का कितना प्रभाव पड़ेगा यह तो देखने वाली बात होगी. लेकिन जानकार इसे बेहतर कदम बता रहे हैं.
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