मालदीव के लिए ‘काल’ साबित होने लगा मुइज्जू का फैसला, विपक्ष ने पूछा-कितनों की जान लेंगे राष्ट्रपति?
India Maldives Relations: राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू का फैसला मालदीव को भारी पड़ने लगा है। मालदीव के स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रपति मोइज्जू ने भारतीय विमान की उड़ने की इजाजत नहीं दी। इसकी वजह से बीमार एक 14 साल के बच्ची की जान नहीं बचाई जा सकी। बच्चे की मौत के बाद मुइज्जू विपक्ष के निशाने पर हैं। उनसे सवाल पूछे जा रहे हैं। बता दें कि समुद्री क्षेत्र की निगरानी एवं गश्ती और मानवीय मदद देने के लिए भारत ने मालदीव को दो हेलिकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान दिए हैं। चीन समर्थक राष्ट्रपति मोइज्जू चाहते हैं कि भारत अपने सैनिकों एवं विमानों को वापस बुला ले इसके लिए उन्होंने नई दिल्ली को 15 मार्च तक की समय सीमा दी है।
ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित था 16 साल का बच्चा
रिपोर्टों के मुताबिक जिस बच्चे की मौत हुई है, वह ब्रेन ट्यूमर और स्ट्रोक से पीड़ित था। बच्चे का परिवार मालदीव की राजधानी से काफी दूर विलमिंगटन नाम के एक द्वीप पर रहता है। बेटे के इलाज के लिए परिवार लगातार एयर एंबुलेंस की मांग करता रहा लेकिन मालदीव सरकार ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया।
मदद मांगता रहा परिवार लेकिन सुनवाई नहीं
बताया गया कि बुधवार की रात बच्चे को दौरा पड़ा। इस पर परिवार ने बच्चे को माले ले जाने के लिए एयर एंबुलेंस की मांग की लेकिन उनकी मांग पर गुरुवार सुबह तक कोई सुनवाई नही हुई। बच्चे को 16 घंटे तक जरूरी चिकित्सकीय मदद नहीं मिली। चिकित्सा से जुड़े ऐसे संकट में लोगों को निकालने वाली कंपनी असांधा कंपनी लिमिटेड ने अपने बयान में कहा कि मदद के लिए कॉल आने के बाद ही उसने प्रक्रिया शुरू की लेकिन अंतिम समय में ‘तकनीकी दिक्कत’ से विलंब हुआ।
मोइज्जू पर हमलावर हुआ विपक्ष
वहीं, मालदीव के सांसद मीकैल नसीम ने X पर पोस्ट अपने बयान में कहा कि ‘भारत के प्रति वैमनस्य का भाव रखने वाले राष्ट्रपति मोइज्जू के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए लोगों को अपना जीवन का बलिदान नहीं देना चाहिए।’ पूर्व राजदूत मोहम्मद फैजल ने कहा कि ‘डोर्नियर विमान नहीं भेजने के मोइज्जू के फैसले की वजह से कुछ दिनों पहले एक परिवार ने अपना बेटा खोया अब एक और युवा लड़के की मौत हो गई। डोर्नियर विमान इस बच्चे की जान बचा सकता था। मोइज्जू के घमंड की वजह से अभी कितने लोगों का जीवन जाएगा?’