उम्मीद की किरण हैं फरीदाबाद की सविता दत्त, सैकड़ों बेसहारा बच्चों की बदली जिंदगी
Savita Datt: विभाजन के दंश को जब भारत झेल रहा था ठीक उसी वक्त सविता दत्त भारत आ गईं थीं.बचपन में संघर्ष झेला.लेकिन इनके पिताजी ने इनके और इनके भाई-बहनों की शिक्षा-दिक्षा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी.बुनियादी शिक्षा की नींव बहुत मजबूत रही.इनके पिताजी सरकारी नौकरी में रहे तो लिहाजा भारत के अलग अलग हिस्से में पोस्टिंग हुई और उन्हें भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने का मौका मिला.
कुछ ऐसी हैं सविता दत्त
सविता दत्त ने दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान में डिग्री हासिल की.इनकी शादी भारतीय आर्मी में कार्यरत एक सैन्य अफसर से हुई.लिहाजा भारत के अलग-अलग हिस्सों में पोस्टिंग की वजह से मैडम को देश के अलग-अलग सूबों की संस्कृति को समझने का मौका मिला. शादी के बाद पीएचडी की डिग्री हासिल की.अलग अलग जगहों पर कार्यरत रहकर देश की सेवा करती रहीं
फरीदाबाद है कर्मस्थली
रिटायरमेंट के बाद वो फरीदाबाद में सेटल हो गईं. यहां पर इनके घर पर काम करने वाले सहायक की एक हादसे में मृत्यु हो गई.ऐसे में सहायक के चार बच्चों की पढ़ाई और देखभाल का जिम्मा मैडम ने उठा लिया और फिर उनको पढ़ाने लगीं इन बच्चों के साथ पेड़ के नीचे एक पाठशाला की शुरुआत की. देखते ही देखते इन्होंने आसपास के गरीब बच्चों को भी पढ़ाना शुरू कर दिया और कारवां बड़ा होता चला गया.फरीदाबाद में मैडम की पहचान अब एक समाजिक कार्यकर्ता के रूप में होने लगी.जो भी गरीब और असहाय परिवार अब मैडम के पास अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए लेकर आ जाता उन्हें वो निराश नहीं करती.
संसाधन सीमित, मकसद बड़े
संसाधनों की कमी भले ही रही हो लेकिन हौसला बुलंद था. अब पेड़ों के नीचे स्कूलों की संख्या 6 हो गईं.और समय के साथ एक बिल्डिंग में भी स्कूल की स्थापना हो गईय इसमें लगभग 650 बच्चे quality education के साथ साथ soft skill की ट्रेनिंग दी जाती है. इनके जज्बे को देखकर.आसपास के लोग और corporate लोग मैडम की मदद के लिए आर्थिक मदद करने लगे. सविता दत्त की मुहिम के साथ 35 टीचर्स और 15 volunteers full time जुड़ चुके हैं.
‘A Drop of Life’ किताब की लेखक
सविता दत्त 80 वर्ष पार कर चुकी हैं.और इन्होंने कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी मात दी है. जीवन के इस पड़ाव में मैडम को बच्चों की मदद करके बहुत खुशी मिलती है…और इन बच्चों के चेहरों पर खुशी देखकर मैडम को बहुत ऊर्जा मिलती है.मैडम ने एक किताब भी लिखी है.जिसमें जीवन के उतार-चढ़ाव और अपने अनुभवों को साझा किया है किताब का नाम है ‘A Drop of Life’ इस किताब के जरिए उन्होंने जीवन के उन प्रसंगो को छुआ है जिसे पढ़कर आप खुद कह उठेंगे मुश्किलें हैं तो क्या हुआ. को ज़रूर पढ़े.आज के वक्त में इंसान जहां सिर्फ और सिर्फ जहां अपने बारे में सोचता है.ऐसे में सविता दत्त मैडम down-trodden families के बच्चों को पढ़ाकर उनके जीवन में एक उम्मीद की किरण जगाती हैं.
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