केजरीवाल के गले की फांस क्यों बन गई नई शराब नीति? जानिए एक बोतल पर एक फ्री की पूरी ABCD

 

Delhi Liquor Scam:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 2021-22 की अपनी आबकारी नीति घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। 22 मार्च को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें छह दिनों के प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया। इस कथित शराब नीति घोटाले में ईडी उनसे 28 मार्च तक पूछताछ करेगी। इसके बाद उन्हें फिर कोर्ट में पेश करेगी। केजरीवाल की इस गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी देश भर में सड़कों पर है। आप नेताओं ने भाजपा पर राजनीतिक बदले की भावना के तहत कार्रवाई कराने का आरोप लगाया है। आप की ओर से कहा गया है कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे और जरूरत पड़ी तो वह जेल से सरकार चलाएंगे। राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका यह मामला लोकसभा चुनाव में आप के चुनाव प्रचार पर असर डालेगा क्योंकि केजरीवाल ही उसके मुख्य प्रचारक हैं। बहरहाल, हम यहां आरोप-प्रत्यारोप में न पड़कर सीधे दिल्ली की उस आबकारी नीति को समझने की कोशिश करेंगे जो AAP और केजरीवाल के गले की फांस बन गई।

22 मार्च को कोर्ट में ED की दलीलें

शुक्रवार यानी 22 मार्च को ईडी भारी सुरक्षा के बीच केजरीवाल को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची। केजरीवाल को 10 दिनों की अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए उसने लंबी-चौड़ी दलीलें दीं। एजेंसी का पूरा जोर यह दिखाने में रहा कि इस पूरे शराबकांड के कर्ताधर्ता, सरगना और साजिशकर्ता केजरीवाल ही हैं। उसने कोर्ट को बताया कि 2021-22 के कथित शराब नीति मामले में केजरीवाल किंगपिन यानी सरगना और मुख्य साजिशकर्ता हैं। अपने 32 पेज की रिमांड अर्जी में ईडी ने आरोप लगाया कि कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्होंने शराब नीति बनाई और इसके बदले में उन्होंने शराब कारोबारियों से रिश्वत की मांग की। शराब कारोबियों का रिश्वत का यह पैसा हवाला कारोबार के जरिए आम आदमी पार्टी तक पहुंचा और इस रकम का इस्तेमाल गोवा और पंजाब के विधानसभा चुनाव में हुआ। ईडी ने कोर्ट को बताया कि चूंकि केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं इसलिए पार्टी के तौर पर वही इस घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं। पैसा आम आदमी पार्टी तक पहुंचे इसके लिए उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मनीलॉन्ड्रिंग की इजाजत दी।

कोर्ट में ED की मुख्य दलीलें

1-दिल्ली के आबकारी नीति घोटाले का मुख्य लाभार्थी आम आदमी पार्टी है। इस पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते केजरीवाल ही इस पूरे कथित आपराधिक मामले के पीछे उनका ही दिमाग है।

2-दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने मनीलॉन्ड्रिंग के लिए अपने पद का दुरुपयोग तो किया है। साथ ही वह मनीलॉन्ड्रिंग की इन गतिविधियों से वाकिफ थे और इसमें उनकी मिलीभगत थी।

3-साउथ के कार्टेल को फायदा पहुंचाने के लिए आबकारी नीतियां उनके पक्ष में बनाई गईं। इसके बदले आप पार्टी की ओर से 100 करोड़ रुपए की मांग की गई।

4-मामले में गिरफ्तार विजय नायर अरविंद केजरीवाल का बहुत करीबी है। ब्रोकर के रूप में काम करते हुए नायर ने साउथ कार्टेल के साथ डील पक्की की। हालांकि, दिल्ली सरकार में नायर किसी पद पर नहीं है।

‘गोवा चुनाव में कैश का फ्लो’

साउथ कार्टेल से मिली 45 करोड़ रुपए की रकम का इस्तेमाल AAP ने 2021-22 में गोवा विधानसभा चुनाव में किया। ईडी का आरोप है कि हवाला के जरिए साउथ कार्टेल ने 45 करोड़ रुपए दिए आप को दिए। इस पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव में हुआ। अपना यह दावा पुख्ता करने के लिए ईडी ने सिसोदिया के मुख्य सहयोगी दिनेश अरोड़ा के बयानों का हवाला दिया। ईडी का दावा है कि इस रकम का इस्तेमाल सर्वे करने वालों, एरिया मैनेजर, एसेंबली मैनेजर में के बीच बांटे गए। इन लोगों को नायर और आप विधायक दुर्गेश पाठक को कहने पर काम दिया गया था। यही नहीं आप के एक उम्मीदवार ने चुनावी खर्च के लिए पैसे कैश में मिलने की बात कही।

आबकारी नीति घोटाले का घटनाक्रम

17 नवंबर
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार वर्ष 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति लेकर आई।

20 जुलाई
इस नई आबकारी नीति की अनियमितताओं की जांच के लिए एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की।

17 अगस्त
नई आबकारी नीति बनाने एवं उसके लागू करने के मामले में सीबीआई ने तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सहित 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया।

22 अगस्त
सीबीआई के साथ-साथ ईडी ने मामले की मनीलॉन्ड्रिग पहलू से जांच की शुरुआत की।

31 अगस्त
दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति वापस ले ली और 2020-21 वाली पुरानी आबकारी नीति को बहाल कर दिया।

25 नवंबर
नई आबकारी नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने 7 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।

26 फरवरी, 2023
आठ घंटों की लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को उनके आवास से गिरफ्तार किया।

28 फरवरी
अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। शीर्ष अदालत ने उन्हें राहत के लिए हाई कोर्ट जाने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

9 मार्च
ईडी ने भी तिहाड़ जेल से सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया।

4 अक्टूबर
आप सांसद संजय सिंह के यहां ईडी ने छापा मारा। बाद में संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।

2 नवंबर
ईडी ने पहली बार पूछताछ के लिए केजरीवाल को समन जारी किया।

15 मार्च 2024
इस मामले में साउथ कार्टेल से कनेक्शन के आरोप में ईडी ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता एवं पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को गिरफ्तार किया।

केजरीवाल को कब-कब जारी हुए समन

साल 2023 में पेश होने के लिए ईडी ने केजरीवाल 2 नवंबर, 21 दिसंबर को समन जारी किया।

साल 2024 में केजरीवाल को 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी, 4 मार्च और 21 मार्च को समन जारी हुए।

बड़े चेहरे जो गिरफ्तार हुए

मनीष सिसोदिया
प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि दिल्ली की आबकारी नीति मुख्य रूप से दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की ओर से पेश की गई थी। इन्होंने शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियों और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया।

विजय नायर
जांच एजेंसी के मुताबिक विजय नायर दिल्ली सरकार और साउथ के कार्टल के बीच एक कड़ी के रूप में काम किया। इसने कार्टेल से मुलाकात और उनके साथ डील पक्की की। पॉलिसी के बदले किससे कितना कमीशन लेना है, इसके जरिए यह काम हुआ।

समीर महेंद्रु
इंडो स्प्रिट्स लिमिटेड का मालिक महेंद्रु को दिल्ली में नौ रीटेल जोन मिले। इसने साउथ के कार्टेल से मिलीभगत की।

अमित अरोड़ा
जांच एजेंसी ने बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अरोड़ा को शराब कारोबारियों और AAP के बीच एक मुख्य कड़ी बताया है।

अमनदीप सिंह ढल
ब्रिंडको सेल्स के डाइरेक्टर ढल को कथित रूप से रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। ढल पर आपराधिक साजिश का हिस्सा होने का आरोप है। अग्रिम रिश्वत के लिए इसने आबकारी नीति में बदलाव कराए।

अरुण पिल्लई
हैदराबाद के इस कारोबारी पर साउथ कार्टेल का चेहरा होने का आरोप है।

अभिषेक बोईनपल्ली
अभिषेक पर आरोप है कि यह साउथ ग्रुप से जुड़ा है और आबकारी नीति में इसने साउथ कार्टेल के हितों के लिए लॉबीइंग की।

संजय सिंह
ईडी का कहना है कि आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह आबकारी नीति घोटाले में 2 करोड़ रुपए की लेन-देन में सीधे रूप से जुड़े हैं। वह इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। ईडी का आरोप है कि इस घोटाले में संजय सिंह को वित्तीय लाभ हुआ।

के कविता
कविता पर आरोप है कि एक राजनीतिक चेहरे के रूप में कविता ने साउथ ग्रुप के कार्टेल के साथ साठगांठ की। नई आबकारी नीति में साउथ के शराब कारोबारियों को दिल्ली में नौ जोन मिले इसके लिए बीआरएस नेता के कहने पर रिश्वत के रूप में 100 करोड़ रुपए आप नेताओं तक पहुंचाए गए।

क्या थी नई शराब नीति?

17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। जबकि भाजपा ने इस नीति से दिल्ली के राजस्व को भारी नुकसान होने का दावा किया। नीति में अनियमितताएं सामने आने पर कांग्रेस ने प्राथमिकी दर्ज कराई। विरोध प्रदर्शन किया और केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की।

MRP से नीचे किसी भी दाम पर शराब बिक सकती थी

इसके लिए उसने शराब की खुदरा विक्रेता कंपनियों से शराब की बिक्री से पूर्व ही कथित लाइसेंस शुल्क के रूप में करीब 300 करोड़ रुपए ले लिए थे। विक्रेताओं को यह अनुमति दे दी गई थी कि वे MRP से नीचे किसी भी दाम पर शराब बेच सकते हैं। यहीं से शराब में छूट देने का खेल शुरू हो गया। हर ठेकेदार ज्यादा शराब बेचने के लिए छूट-पर-छूट देने लगे, और लोग जमकर खरीद भी रहे थे क्योंकि दिल्लीवाले को अपने घरों में 18 लीटर बीयर या वाइन रखने की इजाजत थी।

ऐसे हुआ खुलासा?

कथित शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था। मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया।