गेहूं-तिलहन का रकबा बढ़ा, लेकिन दाल और धान का घटा, महंगाई का डर !
कृषि मंत्रालय ने फसलों के रकबे के आंकड़े जारी कर दिए है। जारी आंकड़ों के अनुसार गेहूं का कुल रकबा फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) के चालू रबी सत्र में 340 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। गेहूं के तरह तिलहन का रकबा भी बढ़ा है। लेकिन दाल और धान के रकबे में गिरावट आई है। ऐसे में पहले से ही महंगाई का सामना कर रहे लोगों के दालों की कीमतें बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। सरकार के अनुसार अक्टूबर में शुरू हुई रबी (सर्दियों) की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई पूरी हो चुकी है। धान और दालों के रकबे में गिरावट के कारण, रबी सत्र 2023-24 में अब तक सभी रबी फसलों का कुल क्षेत्रफल घटकर 687.18 लाख हेक्टेयर रह गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह रकबा 689.09 लाख हेक्टेयर था।
गेहूं का कितना बढ़ा रकबा
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सत्र में 19 जनवरी तक 340.08 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हो चुकी है, जबकि एक साल पहले की अवधि में 337.50 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब शीर्ष तीन राज्य हैं जहां गेहूं खेती के तहत अधिकतम क्षेत्रफल है।
दाल और धान का रकबा कितना घटा
इसी तरह मोटे अनाज और तिलहन का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में अधिक रहा, वहीं रबी सत्र में दाल और धान का रकबा कम रहा।रबी सत्र 2023-24 में दाल की बुवाई 155.13 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल 162.66 लाख हेक्टेयर से कम है। इसी तरह चना, उड़द और मूंग का रकबा कम मसूर का रकबा 19.51 लाख हेक्टेयर से अधिक है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 18.46 लाख हेक्टेयर था।
वहीं धान का रकबा घटकर 28.25 लाख हेक्टेयर रह गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 29.33 लाख हेक्टेयर था।आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी सत्र में अब तक मोटे अनाज का कुल क्षेत्रफल 53.83 लाख हेक्टेयर है, जो एक साल पहले की अवधि में 50.77 लाख हेक्टेयर था।