Byju’s Crisis : बर्बादी के कगार पर Byju’s जानें क्यों मची है सिर फुटव्वल

 

Byju’s Crisis : बायजूस, यह नाम आपने काफी सुना होगा… लेकिन दो तरह से.. पहले जब उसका सितारा बुलंद और अब, जब वह बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है। पिछले डेढ़ साल से एडटेक प्लेटफार्म बायजूस निगेटिव खबरों की वजह से चर्चा में है। और अब तो उसके निवेशकों ने कंपनी के फाउंडर रविंद्रन और उनके परिवार को ही बायूजस से बाहर निकालने का फैसला कर दिया । लेकिन रविंद्रन ने निवेशकों के इस फैसले को मानने से इंकार कर दिया है और कहा है कि वह कंपनी के CEO बने रहेंगे। उनका कहना है कि निवेशकों की कार्रवाई तमाशा है।

जी हां यह वहीं रविंद्रन हैं, जिन्हें केरल एक छोटे से गांव को पूरे केरल में मशहूर कर दिया। केरल के कन्नूर जिले के अझीकोड गांव को बायजू रवींद्रन की वजह से जाना जाता है। रवींद्रन की शुरुआती एजुकेशन इसी गांव में मलयालम मीडियम स्कूल से हुई थी। उस समय कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि छोटा सा बच्चा रविंद्रन एक दिन अरबों डॉलर की कंपनी का मालिक बनेगा। पढ़ाई पूरी हुई तो वे यूके की एक शिपिंग कंपनी में इंजीनियर बन गए।

टीचर बनने के लिए नहीं ज्वाइन किया IIM

छुट्टियों में रविंद्रन जब भारत आए, तो उन्होंने अपने कुछ दोस्तों की आईआईएम के एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी में मदद की। बायजू को लगा कि उन्हें भी IIM देना चाहिए। उन्होंने एंट्रेंस दिया। रिजल्ट आया तो पता चला कि उन्हें 100 पर्सेंटाइल मिले थे। बायजू को लगा कि यह शायद कोई संयोग होगा। उन्होंने फिर से आईआईएम का एंट्रेंस टेस्ट दिया और फिर से उनका स्कोर 100 पर्सेंटाइल था। लेकिन आईआईएम जॉइन करने के बजाय कोचिंग क्लास शुरू करने का फैसला किया।

रवींद्रन के पढ़ाने का तरीका इतना मजेदार था कि स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ती ही चली गई। रवींद्रन की पत्नी और बायजूस की को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘रवींद्रन हर हफ्ते 9 शहरों की यात्रा करते थे और स्टेडियम में स्टूडेंट्स को मैथ पढ़ाते थे। जब व्यस्तता ज्यादा बढ़ने लगी तो रविंद्रन ने सोचा कि क्यों ना एक ही जगह रहकर सभी स्टूडेंट्स तक पहुंचा जाए। इसके बाद उन्होंने साल 2009 में वीडियो बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम शुरू किया । इसके बाद साल 2011 में उन्होंने थिंक एंड लर्न नाम से एक स्टार्टअप लॉन्च किया, जो कि बायजूस की मूल कंपनी है। साल 2015 में उन्होंने बायजूस- द लर्निंग ऐप शुरू किया। यह स्टार्टअप के लिए गेमचेंजर साबित हुआ। इसका असर यह था कि रविंद्रन केवल 7 साल में अरबपति बन गए।

टीम की जर्सी पर बायजू और शाहरूख खान करते थे विज्ञापन

एक वक्त था जब टीम इंडिया की जर्सी पर बायजू का लोगो रहता था. शाहरुख खान कंपनी के विज्ञापन करते थे। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि बायजू जैसी कंपनी पतन की ओर बढ़ती चली गई। इस कहानी की शुरूआत 3 साल पहले शुरू हुई जून 2020 में Byju’s दुनिया में सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाला एडटेक स्टार्टअप बन गई। कंपनी की वैल्यूएशन 85 हजार करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई। . इस दौरान Byju’s ने तेजी से अपना बिजनेस बढ़ाया और कई स्टार्टअप्स शुरू किए. कंपनी ने आकाश इंस्टीट्यूट, आई रोबोट ट्यूटर, हैशलर्न, व्हाइट जूनियर और टॉपर जैसी कई कपंनियों का अधिग्रहण कर लिया। और इसके लिए बायजू ने 1.2 अरब डॉलर का कर्ज तक ले लिया।

कर्ज बना जी का जंजाल

कोरोना काल में बायजू ने जबरदस्त तरक्की हासिल की, लेकिन महामारी के खत्म होने के बाद मानो बायजू की बर्बादी की उल्टी गिनती शुरू हो गई। दरअसल कोविड प्रतिबंध खत्म होने के बाद ऑनलाइन कोचिंग को लेकर छात्रों की रूचि कम होने लगी. इससे बायजू के कारोबार को बड़ा धक्का लगा। छात्रों की घटती संख्या के कारण बायजू की आय कम हो गई लेकिन भारी-भरकम निवेश के कारण खर्च बरकरार रहे। रिपोर्ट के अनुसार, एक समय ऐसा आ गया जब कंपनी की मंथली इनकम 30 करोड़ थी जबकि खर्च 150 करोड़ रुपये था। ऐसे हालात में बायजू पर लोन चुकाने का बोझ बढ़ता गया.

ईडी का शिंकजा

कर्ज के कारण कंपनी की हालत लगातार बिगड़ती गई। जब सिंतबर 2022 में करीब 18 महीने की देरी से कंपनी ने अपने वित्‍तीय आंकड़े जारी किए तो सच्चाई सामने आई। आंकड़ों से पता चला कि बायजूस को 2021 में 4,589 करोड़ का घाटा हुआ। इसके बाद कॉरपोरेट गवर्नेंस और अकाउंट्स में गड़बड़ी की बातें सामने आई। कंपनी को छंटनी जैसे फैसले लेने पड़े। कर्मचारियों की सैलरी तक डिले होनी लगेगी। निवेशकों की चिंता के बाद सरकार ने इस मामले में दखल दिया. केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कंपनी परिसरों के साथ फाउंडर बायजू रविंद्रन के कई ठिकानों पर छापे मारे। उन पर ईडी का भी शिंकजा कसने लगा है। और उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी हो चुका है। नवंबर 2023 में फेमा के अंतर्गत ईडी ने बायजू की मूल कंपनी, थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और रवींद्रन के खिलाफ 9,362.35 करोड़ रुपये के उल्लंघन का आरोप लगाकर कारण बताओ नोटिस जारी किया था।