Republic Day Special:भारत का सबसे भरोसेमंद पार्टनर क्यों है फ्रांस, जानें कितना मजबूत ये याराना
India-France Relation:बीते दिसंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जब इस बार के गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2024) समारोह में शामिल ना होने की असमर्थता जताई, तो उस समय यह सवाल उठने लगा था कि अब समारोह का मुख्य अतिथि कौन होगा। और वह भी बाइडेन जैसे कद वाला कोई नेता इतनी जल्दी भारत आने की योजना बना पाएगा। लेकिन जिस तरह एक हफ्ते के अंदर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने गणतंत्र दिवस पर आने की हामी भरी, उससे साफ है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य फ्रांस, भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर है। फिर चाहे परमाणु परीक्षण की बात हो या फिर रक्षा सौदौं में तकनीकी ट्रांसफर की बात हर वक्त फ्रांस ने भारत का साथ दिया है। ऐस में दोनों देशों के याराना के बारे में जानना तो बनता है..
जब दुनिया ने किया विरोध तब भी भारत का दिया साथ
जब भारत 1974 और 1998 में परमाणु परीक्षण किए, तो दुनिया के कई देशों ने भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाए। लेकिन फ्रांस पश्चिमी देशों की मुहिम में भी फ्रांस नहीं हुआ था। यहां तक उसने तारापुर रिएक्टरों को ताकत देने के लिए यूरेनियम आपूर्ति भी की। फ्रांस भारत के आंतरिक मामलों या उसकी विदेश नीति से जुड़े विकल्पों पर टिप्पणी न करने की अपनी नीति पर अडिग रहा है। जम्मू-कश्मीर के मसले पर भी फ्रांस का रूख हमेशा भारत के साथ रहा।
इसके अलावा फ्रांस हमेशा से भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। और हमेशा कई अहम समय में सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के रूप में भारत का समर्थन किया है। इसके तहत आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे मामलों पर फ्रांस का समर्थन हासिल रहा है।
इसी तरह साल 2008 में दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु समझौता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जिसमें फ्रांस, अमेरिका के बाद भारत के साथ ऐसा समझौता करने वाला पहला देश बना।
फ्रांस भारत के आंतरिक मामलों या उसकी विदेश नीति से जुड़े विकल्पों पर टिप्पणी न करने की अपनी नीति पर अडिग रहा है।
भारत और फ्रांस इस साल रणनीतिक साझेदारी का 25वां वर्षगांठ मना रहे हैं। फ्रांस पश्चिमी दुनिया में भारत का पहला रणनीतिक साझेदार देश है। इतना ही नहीं, फ्रांस के लिए भारत पहला गैर-यूरोपीय भागीदार भी था।
फ्रांस को भारत की क्यों जरूरत
भारत साल 2018 से 2022 के बीच दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश रहा। ऐसे में फ्रांस रूस के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता देश बन चुका है। फ्रांस से भारत का हथियार आयात साल 2013-17 और 2018-22 के बीच करीब 489 फीसदी बढ़ा है। फ्रांस इसे और आगे बढ़ाना चाहता है.।
अच्छे रिश्ते होने के बावजूद भी दोनों देशों के बीच व्यापार बहुत ज्यादा नहीं है.। साल 2010 में फ्रांस के साथ भारत का व्यापार महज 9 अरब डॉलर का था, जो साल 2022-23 में मामूली तौर पर बढ़कर मात्र 13.4 अरब डॉलर तक की पहुंच सका है। लेकिन इसमें एक बड़ा हिस्सा रक्षा का है. इस लिहाज से देखें तो यूरोप में फ्रांस भारत का सबसे छोटा व्यापारिक साझेदार देश है।
राफेल ने दोस्ती को किया मजबूत
फ्रांस से राफेल विमान खरीदने का निर्णय, जिसे साल 2016 में अंतिम रूप दिया गया, ने उच्च स्तर के विश्वास और सहयोग को प्रदर्शित किया। राफेल सौदा नॉलेज और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पैकेज था। इस पैकेज में फ्रांस ने भारतीय पायलटों और तकनीशियनों को प्रशिक्षित किया, विमान में भारत की जरूरतों के अनुसार बदलाव किए। आज राफेल के कई पुर्जे भारत में बनते हैं। और कई संयुक्त उद्यमों की नींव पड़ी।
मैंक्रॉन-मोदी खास रिश्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की दोस्ती में महत्वपूर्ण मील के पत्थर साल 2019 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह साबित हुआ। जब मुख्य अतिथि के रूप में मैक्रॉन भारत पहुंचे। इसके बाद मैक्रों फिर पहुंचे हैं। वह दो बार यह सम्मान पाने वाले पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति हैं। इस बार भारत के 75वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान फ्रांसीसी विदेशी सेना (फ्रेंच फॉरेन लीजन) के छह भारतीय सैनिक अपने फ्रांसीसी साथियों के साथ कर्तव्य पथ पर मार्च करेंगे। 95 सदस्यीय फ्रांसीसी दल के अलावा राफेल लड़ाकू विमान और एक एयरबस ए330 विमान भी फ्लाईओवर भी शामिल होगा। यह पहली बार है कि भारतीय सैनिक फ्रांसीसी परेड दल का हिस्सा होंगे।