Paytm Mistakes: कहां चूक गया अलीगढ़ का Paytm Boy,ये गलतियां रद्द करा सकती हैं लाइसेंस
Paytm Founder Vijay Shekhar Sharma:अलीगढ़ बॉय जी हां पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा किया पहचान न जाने कितने युवाओं को प्रेरित करती है। हिंदी मीडियम का एक बच्चा जो अंग्रेजी ना पढ़ पाने की वजह से इंजीनियरिंग की पढ़ाई से भागता था। वह अपने जज्बे और जुनून से एक दिन पेटीएम जैसी कंपनी खड़ी कर सकता है ।विजय शेखर शर्मा के एक समय ऐसे हालात थे की नौकरी ना कर पाने की वजह से घर वाले उन्हें ताना देते थे और उन्होंने एक बार इंटरव्यू में बताया था कि उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि कहीं आने जाने तक कि उनके पास पैसे नहीं बचे थे। लेकिन इस अलीगढ़ बाय ने देश में पेटीएम करो की धुन ऐसी बजाई की बड़े से बड़े कॉर्पोरेट, किराना वाले, सब्जी वाले ठेला वाले सब इसके दीवाने हो गए और हर जगह पेटीएम करो कि धुंन सुनाई देने लगी।
लेकिन यही जुनून पड़ा भारी
लेकिन लंदन नियर हांगकांग टोक्यो तक में पेटीएम का पताका फहराने की जिद-जुनून और गूगल पे, पे पॉल जैसे दिग्गजों को टक्कर देने की रेस में पेटीएम बॉय इतना आगे निकल गया कि जमीनी स्तर पर कई चूक होने लगी । और यही चूक आज उसके लिए भारी पड़ रही है और अब तो पेटीएम के अस्तित्व पर भी सवाल उठने लगे हैं। विजय शेखर शर्मा की कहानी को समझने के लिए नोटबंदी के दौर को समझना होगा। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक नोटबंदी का ऐलान किया था और उसके बाद लोगों को लेनदेन के लिए कैश की किल्लत होने लगी थी।उस समय पेटीएम एक ऐसा विकल्प बन कर आया जिसने विजय शेखर शर्मा को एक झटके में आसमान पर पहुंचा दिया और विजय शंकर शर्मा बड़ी तेजी से उड़ान भरने लगे ।
इस उड़ान भरने की जुनून में एक अंधाधुंध ग्राहक बनाने का दौर शुरू कर दिया और उसमें कई गलतियां होनी शुरू हो गई जिसका खामियाजा अब उन्हें उठाना पड़ रहा है। उस दौरान नियमों की पूरी अनदेखी की गई । और उस समय भी आरबीआई ने विजय शेखर शर्मा पर डंडा चलाया था। साल 2018 में 2022 में केवाईसी नियमों की अनदेखी के लिए पेटीएम पर आरबीआई ने कार्रवाई की थी लेकिन इसके बावजूद भी यह सिलसिला नहीं रुका और अब पेटीएम पेमेंट बैंक पर आरबीआई ने ऐसी सख्ती कर दी है कि पेटीएम पर तालाबंदी तक का डर सताने लगा है।
ये गलतियां बढ़ा सकती है परेशानी
अंधाधुंध ग्राहक बनाने के जुनून में पेटीएम बॉय विजय शेखर शर्मा कहां चुके । रिपोर्ट्स के अनुसार आरबीआई को बहुत सारी कमियां पेटीएम में मिली है ।इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला है । इसमें ऐसे बहुत से खातों का इस्तेमाल किया गया जो बिना केवाईसी के खोले गए और में करोड़ों को लेनदेन हुए।
-यहां तक कि एक पैन कार्ड पर हजार से ज्यादा खाता खोल दिए गए हैं कई जगह पर केवाईसी नियमों को सीधे-सीधे उल्लंघन हुआ है
-और आरबीआई को जो पेटीएम ने कई कंप्लायंस रिपोर्ट भेजी है उसमें भी कई सारी झूठी है जिसके बाद आरबीआई ने यह सख्त कार्रवाई की है।
अगर यह दावे सच है तो पेटीएम की वजह से कर शर्मा के सामने आने वाले दिनों में बहुत सी मुसीबतें खड़ी होने वाली है। ऐसी रिपोर्ट्स है कि ईडी भी मनी लेंडिंग केस में जांच कर सकता है। विजय शेखर शर्मा के लिए अब दोहरी चुनौती है एक तो उन्हें पेटीएम और खुद की साख बचानी है। दूसरे उन 30 करोड़ ग्राहकों का भी भरोसा बरकरार रखना है जो उनके पेटीएम के नाम पर डेली सैंकड़ों करोड़ का ट्रांजैक्शन कर रहे हैं। कि अगर ऐसा नहीं होगा तो न केवल पेटीएम से भरोसा टूटेगा बल्कि देश के एक स्टार्टअप सिस्टम पर भी सवाल उठने लगेंगे और उसके जिम्मेदार विजय शेखर शर्मा ही होंगे ।
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