Bhojpuri: कमाई के लिए भोजपुरी को रसातल में पहुंचाना ठीक नहीं, अश्लील गानों ने किया हद पार

 

Bhojpuri films and Songs: वर्तमान दौर में हर जगह शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार को लेकर गदर मची हुई है। लेकिन हमारा भोजपुरिया समाज लहंगा-चोली, देवर-भौजी, खटिया-रजाई, पियवा-भतार के बीच ऐसा फंसा है कि लगता ही नहीं कि कभी इसके बाहर भी निकलेगा। समस्या ये है कि क्यों करें मेहनत, क्यों करें पढ़ाई, जब यू ट्यूब वीडियो से हो लाखों की कमाई। एक अच्छा खासा इको-सिस्टम है इनका यूट्यूब पर।

रोजगार का जरिया बनाने में कोई दिक्कत नहीं
एक गायक कुछ गा देगा, तो दूसरा उसके विरोध में गाएगा , तीसरा उनको गाली देगा और चौथा इन सब पर फिर से एक वीडियो बनाएगा। और हमारा भोजपुरिया समाज लाखों करोड़ों व्यूज और लाइक्स, और इस पूरी प्रक्रिया में अपना कीमती समय देकर उनके बैंक अकाउंट में दिन दूना रात चौगुना बढ़ोत्तरी करेगा। गाना गाने और इसे रोजगार का जरिया बनाने में कोई दिक्कत नहीं। दिक्कत है निम्न स्तरीय और अश्लील गीत गाकर अपनी भाषा की गरिमा को गिराने से।

महान बनाने में लग जाते हैं भोजपुरिया
दिक्कत यह भी है कि हमारे भोजपुरिया समाज में, या कहें समूचे यूपी और बिहार में इस कदर आदर्शों का अकाल है कि कोई लोकप्रिय हो जाए तो हम तुरंत उसे महान बनाने के लिए हर तरह की जुगत भिड़ाने लगते हैं। यहां तक कि उन लोगों को भी हम महान कलाकार बनाने पर आमादा हैं जिन्होंने अपनी हरकतों से भोजपुरी को रसातल में पंहुचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

वायरल होने का बुखार लगा है
वैसे भी भोजपुरिया समाज में अधिकांश लोगों को (सबको नहीं) वायरल होने का बुखार लगा हुआ है। इस चक्कर में एक से एक घटिया कंटेंट आपको यूट्यूब पर मिलेगा। भोजपुरी भाषा के सबसे बड़े दुश्मन खुद भोजपुरी भाषी भी कम नहीं जो भोजपुरी को अपनी भाषा मानना ही नहीं चाहते। वे खुद भोजपुरी को सिर्फ अश्लीलता से जोड़ते हैं, पर दूसरी भाषाओं के एक से एक अश्लील गानों को बड़े शौक से सुनते-सुनाते हैं। और तो और वही सब भोजपुरी फिल्मों में दिखाया जाए तो कूड़ा कचरा, लेकिन साउथ की हर फिल्म के बारे में कसीदे काढ़ते हुए दीखते हैं और उन्हें फुल मसाला, एंटरटेनमेंट, टाइम पास फिल्म कहते हैं।