‘हमसे क्या भूल हुई…?’ अहंकार और शराब ने खत्म कर दिया चमकते बॉलीवुड सिंगर का करियर

 

Anwar Hussain मुंबई फिल्म उद्योग अगर प्रतिभावान कलाकारों को सर आखों पर बिठाता है, तो ऐसे कलाकारों को जो सफलता मिलने पर नखरे दिखाने लगें उन्हें अर्श से फर्श पर लाने में भी समय नहीं लगाता। यही वजह है कि बहुत से कलाकार धूमकेतु की तरह चमके और गायब हो गए। सत्तर-अस्सी के दशक के ऐसे ही एक गायक हैं जिन्होंने एक से बढ़कर एक हिट गाने गाए लेकिन उन्हीं के शब्दों में कहें तो अहंकार और शराब की वजह से उनका करियर तबाह हो गया।

बड़ी फिल्में हाथ से निकल गईं

बड़े-बड़े निर्माता-निर्देशकों की फिल्म उनके हाथ से निकल गई। एक इंटरव्यू में इन्होंने बताया था कि प्रेमरोग और मर्द जैसी फिल्में इन्हें इसलिए नहीं मिलीं की इन्होंने अधिक पारिश्रमिक मांग लिया था। यही नहीं, उनकी शादी भी नाकाम हो हो गई। अंततः कुमार सानू के उदय के बाद उन्होंने फिल्म उद्योग से किनारा कर लिया। ये गायक हैं अनवर जिन्होंने ‘हमसे का भूल हुई, जो ये सजा हमको मिली’, ‘मोहब्बत अब तिजारत बन गई है, तिजारत अब मोहब्बत बन गई है’ जैसे सदाबहार गाने गए हैं।

आवाज हूबहू रफी जी से मिलती थी

सत्तर और अस्सी के दशक इनकी धूम मची हुई थी। इनकी आवाज हूबहू रफी जी से मिलती थी और बकौल अनवर उन्हें अमीन सयानी जी ने चेताया भी था कि अपनी अलग पहचान बनानी है तो उन्हें अपनी स्टाइल बदल लेनी चाहिए। लेकिन इनके अहंकार ने इनका करियर ही खराब कर दिया। इन्होंने कुछ फिल्मों में अभिनय भी किया है लेकिन जाने ये अपने गानों की वजह से ही जाते हैं। इनका फिल्मी दुनिया से शुरू से ही सम्बन्ध रहा। इनके पिता हारमोनियम वादक थे और प्रसिद्ध संगीतकार गुलाम हैदर के अस्सिटेंट थे। इनकी मां रंजना सचदेव और छोटी बहन आशा सचदेव अभिनय की दुनिया में थीं।

अरशद वारसी इनके सौतेले भाई हैं

अरशद वारसी इनके सौतेले भाई हैं। एक इंटरव्यू में इन्होंने बताया था कि मुश्किल वक्त में इन्होंने बहुत बार अरशद वारसी से मदद मांगी यहां तक आर्थिक मदद तक के लिए इन्होंने उनसे गुजारिश की थी, लेकिन उन्होंने कभी इनके तरफ अपना हाथ नहीं बढ़ाया। मुंबई से विदा लेने के बाद ये अमेरिका चले गए और वहां संगीत की शिक्षा देने लगे लेकिन वहां भी मन नहीं लगा तो अपने देश वापस चले आए। विकिपीडिया की माने तो अब वे कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में हैं।