जब पीएम मोदी बोल उठे थे ‘वेड इन इंडिया’, बॉलीवुड की है खास भूमिका

 

Bollywood Marriage: जिस तरह शादी के सीजन में सोशल मीडिया खासकर इंस्टाग्राम पर शादी से जुड़े रील की बहार आती है उससे एक बात तो साफ़ हो जाती है कि उत्तर प्रदेश हो या बिहार, पंजाब हो या राजस्थान, दिल्ली , हरियाणा, हर जगह का युवा शादी भी जैसे रील बनाने के लिए ही कर रहा है। हर शादी एक ही जैसी नजर आती है। यही नहीं वैवाहिक रस्मों में जो विविधता पाई जाती थी वह भी हिंदी फिल्म उद्योग के प्रभाव ने मानो ख़तम कर दी है। हम आपके हैं कौन, जो फिल्म कम और शादी का वीडियो अधिक थी, और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे जैसी फिल्मों ने जो शादी का बिम्ब रचा कि धीरे -धीरे एक अरबों-खरबों की एक ‘वेडिंग इंडस्ट्री’ ही खड़ी हो गई है।

अब वेड इन इंडिया की बात

बात यहां तक पहुंची कि प्रधानमंत्री नवम्बर में मन की बात में युवाओं से मेड इन इंडिया की तर्ज पर ‘वेड इन इंडिया’ की गुहार लगाते हुए हुए सुने गए।इतने बड़े उद्योग के फैलने फूलने में बॉलीवुड का बहुत बड़ा हाथ है। बॉलीवुड की फिल्मों ने विवाह से जुड़े हर छोटे बड़े रीति रिवाज जैसे जूता चुराई से लेकर गीत संगीत तक को अपनी फिल्मों में दिखाया। गौर करने वाली बात है कि जिस तरह बॉलीवुड इंडस्ट्री में काम करने वाले पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं वैसे ही फिल्मों में दिखाए जाने वाले रीति रिवाजों में भी एक तरह का फ्यूज़न तो दिखता है। लेकिन प्रधानता पंजाबी पहनावे और रीति रिवाजों की ही रही है।

कपड़ों के सलेक्शन पर पंजाबी असर

तमाम ऐसी फिल्में बनी हैं जिनकी कहानी शादी के इर्द गिर्द ही घूमती रही। परदे पर हो रही इन शादियों ने एक ऐसे मास कल्चर को जन्म दिया जिसमे कम से कम शादी के रस्मो रिवाज में एकरूपता आती चली गई , बॉलीवुड से प्रभावित परिवार अपनी पसंद के आधार पर रीति-रिवाजों को बदलते चले गए,भले ही बाकी चीज़ों में मौलिकता बनी रही। लहंगा, चूड़ा, कलीरें, मेहँदी, की धूम पूरे भारत में मच गई और इसके साथ ही इन उद्योगों का भी विकास होता चला गया। मजेदार है कि जो उद्योग बॉलीवुड से प्रभावित होकर फला -फुला, बॉलीवुड ने उसी पर ‘बैंड बाजा बारात’ नाम की फिल्म ही बना डाली।फिर आया ओ टी टी का दौर लेकिन यहाँ भी वेडिंग यानी शादी आधारित कंटेंट की कमी नहीं रही।

वेडिंग प्लानर की बढ़ी डिमांड

‘मेड इन हेवेन’ और ‘ द बिग डे’ भी इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हैं।इन फिल्मों और सीरीज से प्रभावित युवा, इंस्टाग्राम के दौर में अपनी शादी कुछ इस तरह रचाना चाहते हैं कि उसका एक -एक पल इंस्टाग्राम के रील में तब्दील किया जा सके। अब ऐसे में जबकि यहाँ शादियां दो लोगों की नहीं, दो परिवारों की होती हैं तो फिर इस बिग फैट इंडियन वेडिंग को अंजाम देने के लिए एक अदद वेडिंग प्लानर तो चाहिए ही। जो रिश्तेदारों से लेकर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी तक का ध्यान रखे। तो देखा जाए तो एक शादी में जितना कुनबा इकठ्ठा होता है, उससे कहीं अधिक लोग चाहिए होते हैं उस शादी के कार्यक्रम को ठीक से अंजाम देने के लिए।

शादी के रीति रिवाजों पर बॉलीवुड की छाप

एक तरफ अगर बॉलीवुड ने शादी के रीति रिवाजों पर अपनी छाप छोड़ी है तो दूसरी तरफ वेडिंग इंडस्ट्री के लिए भी ज़मीन तैयार की है।इस नए ‘वेडिंग इंडस्ट्री’ में लाखों करोड़ों लोगों के रोजगार का स्रोत है और बॉलीवुड ने इसमें अहम योगदान दिया है। बॉलीवुड के इस पॉजिटिव प्रभाव को मानना चाहिए क्योंकि आर्थिक दृष्टि से कि यह एक सकारात्मक योगदान है।