अपनी मौत का पूनम ने बनाया तमाशा

 

Poonam Pandey Alive: आपका इरादे कितने भी नेक क्यों न हों उसे जायज, सही ठहराने के लिए मौत को जरिया बनाना उचित नहीं हो सकता।  या मौत मनुष्य के जीवन में अति संवेदनशील मुद्दा है। हमारी संस्कृति ऐसी है कि हम दुश्मन की मौत पर भी दुख जताते हैं और उसकी लाख बुराइयों को भी नजरंदाज कर जाते हैं। किसी गंभीर बीमारी से प्रियजनों की अकाल मौत लोगों को संताप से भर देती है। ऐसे में इस तरह की फर्जी खबरें शोहरत तो दिला देती हैं लेकिन लोगों के घाव को भी हरा कर जाती हैं।इसलिए लोगों की संवेदना से खिलवाड़ करने का हक किसी को भी नहीं है। चाहे वह कोई भी हो। पूनम पांडे भी नहीं। पूनम सर्वाइकल कैंसर के प्रति कथित जागरूकता फैलाने के लिए अपनी मौत का जो फर्जी नाटक और प्रपंच रचा उस पर लोगों की नाराजगी सामने आने लगी है। लोग इस मॉडल को भला-बुरा बोलने लगे हैं।