5000 साल पुराना मंदिर,राम-कृष्ण के निशान
यहां आज भी हर शिवरात्रि आते हैं अश्वत्थामा, 5000 साल पुराना ऐसा मंदिर जिसका भगवान कृष्ण से लेकर प्रभु राम तक से है नाता। जंगलों में बसे इस मंदिर में आज भी होते हैं चमत्कार, और मिलते हैं सैकड़ों साल पुराने मंदिर के साक्ष्य। जी हां आज हम उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के मझौली राज में स्थित प्राचीन शिव मंदिर दीर्घेश्वर नाथ की वह अनसुनी कहानी बयां कर रहे हैं, जिसकी निशानी यहां कण-कण में दिखती है।
इस शिव धाम में कहीं हमें पार्वती सरोवर के चमत्कार दिखे, तो किसी ने हमें ऐसे चमत्कार के बारे में बताया जिसके बारे में यकीन करना मुश्किल है। तो इस रहस्मयी कथा की शुरूआत उस सरोवर से करते हैं जिसका सीधा अश्वत्थामा से नाता है।
चारों ओर झाड़ियों और जंगलों से घिरे इस सरोवर का नाम पार्वती सरोवर है। जिसके बारे में मान्यता और दावे हैं कि महाभारत काल में पांडवों के गुरू द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा यहां हर शिवरात्रि आते हैं। और यहां पर खिले सफेद कमल के फूल से भगवान शंकर की पूजा अर्चना करते हैं। इन दावों में कितनी सच्चाई हैं यह तो हम नहीं कह सकते, लेकिन दीर्घेश्वर नाथ मंदिर के महंत जगन्नाथ दास जी कुछ ऐसी बातें बताते हैं जिन्हें सुन आप हैरान रह जाएंगे ।