क्या बुलंदशहर में डॉ. भोला सिंह लगा पाएंगे हैट्रिक ?
Dr Bhola Singh News: जिस इलाके और जिस शख्सियत की बात हम करने जा रहे हैं.वो कई मायनों में खास है.आपकी स्क्रीन पर जो तस्वीरें नजर आ रही हैं उससे आपने अंदाजा लगा भी लिया होगा बात कहां की और किसकी करेंगे. यह तस्वीर बुलंदशहर की है जिसे आज से करीब 500 साल पहले बरन के नाम से जाना जाता था. और लोगों से घिरे जो शख्स आपको स्क्रीन पर नजर आ रहे हैं. वो बुलंदशहर से मौजूदा बीजेपी सांसद डॉ भोला सिंह हैं. आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इंडिया अड्डा की टीम इनके बारे में बात क्यों कर रही है तो आपको ज्यादा देर तक हम उधेड़बुन में नहीं रखेंगे. चुनावी मौसम में जब सियासी दल और चेहरे अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं तो हमने सोचा कि क्यों ना सांसद जी से ही सीधे सीधे कुछ सवाल किए जाएं.
शहर से गांव तक का नजरिया
अब जब सांसद महोदय ने अपनी सरकार की कामयाबियों का जिक्र किया तो हमारी टीम ने उन दावों को जमीनी स्तर पर जांचने का भी फैसला किया. हमारा मकसद बुलंदशहर के मौजूदा सांसद के बारे में लोगों की राय जानने की थी.फिर क्या था हमारी टीम काला आम चौराहे के करीब एक पार्क में पहुंची. बिना लाग लपेट लोगों से सवाल कर उनके दिल में क्या कुछ चल रहा है उसे समझने की कोशिश की.लोग मोदी और योगी सरकार की योजनाओं से खुश तो नजर आए लेकिन कुछ नाराजगी भी थी.लोगों की नाराजगी के बारे में जब हमने सांसद महोदय से सवाल किया तो उन्होंने आंकड़ों के जरिए यह बताया कि 2014 से पहले के हालात क्या थे और अब देश की सूरत में कितना बदलाव आया है.
सांसद जी के जवाब के बाद अब हमारी टीम ने ग्रामीण इलाके का दौरा किया. लोगों से करीब करीब वही सवाल पूछे गए जो शहरी मतदाताओं से पूछे गए थे. इसमें हमने सांसद भोला सिंह के बारे में कई सवाल किए थे और क्या कुछ जवाब मिला उसे आप खुद ब खुद सुन सकते हैं. ग्रामीणों से सवाल-जवाब के क्रम में किसानों की समस्या और किसान आंदोलन का विषय उठा. यह विषय इसलिए भी अहम था क्योंकि एक तरफ जहां मोदी सरकार किसानों के बारे में बड़े बड़े दावे करती है वहीं पंजाब-हरियाणा बॉर्डर या दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा अलग तरह की कहानी बयां करती हैं. इस विषय पर मौजूदा सांसद ने तीखे अंदाज में जवाब दिया.
2014-2019 में जीत, अब 2024 का इंतजार
सियासत में सिकंदर वही है जिसके बाजुओं में इतनी ताकत हो कि वो मुश्किल हालात को भी अपने पक्ष में कर ले. जब हम खास लाइन का जिक्र करते हैं तो उसके पीछे वजह भी है. साल 2014 में भोला सिंह इस सीट पर जीत हासिल कर संसद पहुंचने में कामयाब रहे.2019 में जब उन्हें इस सीट पर दोबारा मौका मिला तो सियासत के जानकारों ने कहा था कि शायद जीत हासिल ना हो. लेकिन 2019 की जीत इसलिए भी खास हुई कि क्योंकि ना सिर्फ वो दोबारा चुनाव जीतने में कामयाब हुए बल्कि सपा-बसपा गठबंधन के साझा उम्मीदवार को बड़े फासले से हरा जातीय समीकरण को भी ध्वस्त कर दिया. 2024 में जहां मोदी सरकार हैट्रिक बनाने की तैयारी में जुटी है.