क्या है सवा मन जनेऊ का ‘बरनावा’ कनेक्शन
मैं जमीन का वो टुकड़ा हूं. जिसका अपना हजारों साल का इतिहास है. करीब पांच हजार साल पहले पहचान मेरी वरणावत नाम से थी.कई कालखंड के गुजरने के बाद अब बरनावा हूं. हिंडन और कृष्णा नदी के थपेड़ों को सहते हुई मैंने शांति देखी, साजिश देखी,बहते रक्त को देखा.मेरी सिसकियों को सुनने वाला कोई नहीं था.जमीन की चाहत में कई बार रौंदा गया. लाक्षागृह के उस प्रसंग को कोई कैसे भूल सकता है जब सिंहासन की लालसा में कौरवों ने पांडवों के समूल नाश की साजिश रची थी.