दिनेश लाल यादव निरहुआ या कोई और, जानें- क्या है आजमगढ़ियों की ताजा राय

 

Azamgarh Lok Sabha Election Survey:  आम चुनाव 2024 में दिल्ली की सत्ता पर वही काबिज होगा जिसके पास 272 सांसदों का जादुई आंकड़ा होगा. अगर 2014 और 2019 के नतीजों को देखें तो बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए को प्रचंड जीत मिली थी और साल 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी पूरे विश्वास के साथ कह रहे हैं कि एनडीए को इस दफा 400 सीट पार पहुंचाएंगे. इन सबके बीच हम एक बार फिर आपको आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र के लोगों का क्या मानना है कि क्या एनडीए को 400 से अधिक सीटें मिलेंगी. क्या बीजेपी 2022 के प्रदर्शन को एक बार फिर दोहरा पाएगी या नतीजा कुछ और होगा.क्या बीजेपी के मौजूदा सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को कामयाबी मिलेगी. क्या आजमगढ़ की जनता निरहुआ की जगह किसी और को उम्मीदवार के तौर पर देखना चाहती है. इन सवालों को लेकर इंडिया अड्डा की टीम ने पांचों विधानसभाओं का दौरा किया. 1 फरवरी से 15 फरवरी के बीच सर्वे में हमने करीब 1 हजार लोगों से सवाल पूछे. हमने अलग अलग जाति समूहों की उम्मीदवारों को लेकर राय जानी.

सवाल नंबर 1- समाजवादी पार्टी, बसपा और बीजेपी को लेकर अगड़ी जातियों की राय ?

जवाब नंबर 1-  समाजवादी और बसपा को लेकर करीब 15 फीसद लोगों ने कहा कि वो इन दलों को सिर्फ उम्मीदवारों के लिहाज से पसंद करते हैं. जबकि 85 फीसद अगड़ी जाति के लोगों ने कहा कि कांग्रेस कभी पसंद हुआ करती थी लेकिन अब तो बीजेपी ही उनकी पहली पसंद है. उन्हें इस बात से मतलब नहीं है कि बीजेपी टिकट किसे देती है. यानी कि 85 फीसद अगड़े समाज के लोग बीजेपी के साथ पूरी तरह से जुड़े हुए हैं.

सवाल नंबर 2- बीजेपी की तरफ से अगर निरहुआ की जगह किसी और को टिकट मिले तो जीत की संभावना कितनी है ?

जवाब नंबर 2- इस सवाल का जवाब बेहद दिलचस्प था. अगड़ी जाति से लेकर दूसरी जातियों में इन्हें लेकर गहरी नाराजगी है. करीब 75 फीसद लोगों ने कहा कि इनसे निराशा ही मिली है. लेकिन मोदी- योगी के नाम पर इनकी नौका पार लग सकती है.

सवाल नंबर 3- सदर विधानसभा से नंबर 2 पर रहे है अखिलेश मिश्रा को लेकर क्या नजरिया है?
जवाब नंबर 3- करीब 70 फीसद लोगों ने कहा कि वैसे तो इन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा था. 2022 के चुनाव में प्रदर्शन भी शानदार रहा. सदर सीट से बीजेपी के किसी भी प्रत्याशी का 80 हजार से अधिक मत पाना असंभव काम की तरह है. लेकिन बात जहां तक लोकसभा उम्मीदवार की है तो इन्होंने कभी खुद को उस तरह प्रोजेक्ट नहीं किया है. जब यह पूछा गया कि अगर उन्हें लोकसभा का टिकट मिले तो जीतने की संभावना कितनी है. इस सवाल पर 80 फीसद लोगों ने कहा कि भइया लहर तो मोदी- योगी की है और उसमें किसी को भी कामयाबी मिल सकती है.

सवाल नंबर 4- अगर धर्मेंद्र यादव को टिकट मिलता है कि तो क्या उनकी जीत हो सकती है?

जवाब नंबर 4- करीब 90 फीसद यादव मतदाताओं ने कहा कि वो तो समाजवादी पार्टी के नाम पर वोट करेंगे. वहीं करीब 90 मुस्लिम मतदाताओं ने कहा कि उनके लिए बीजेपी को हराना ही प्राथमिकता है. यहां अगर आप गौर करें तो करीब 10 फीसद यादव और पांच फीसद मुस्लिम मतदाताओं के मत में स्विंग है.

सवाल नंबर 5- अनुसूचित जाति समाज के लोगों से भी सवाल पूछा गया कि क्या गुड्डू जमाली को जीत मिलेगी ?

जवाब नंबर 5- करीब 80 फीसद मतदाता बीएसपी के साथ नजर आए. लेकिन इसमें बड़ी बात यह थी कि 15 फीसद वोटर्स के मूड में स्विंग देखा गया जबकि पांच फीसद ने माना कि वो मौके के हिसाब से फैसला करेंगे. जहां तक बात जमाली की है तो निश्चित तौर पर तगड़ी लड़ाई पेश करेंगे.

(नोट- यह स्नैप सर्वे पर आधारित राय है.)