क्या है गौतम बुद्ध नगर के वोटर्स की राय, सिटिंग एमपी से नाराजगी या मोहब्बत है बरकरार
Gautam Budhh Nagar Chunav Survey: देश के अलग अलग हिस्सों की तरह दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर में चुनावी सरगर्मी तेज हो चली है. इस दफा लोग किसके नाम पर मुहर लगाएंगे वो तो देखने वाली बात होगी. लेकिन यहां का मिजाज क्या है उसे हमने यानी इंडिया अड्डा की टीम ने समझने की कोशिश की है. हमने कुल पांच सवाल किए थे. लेकिन उससे पहले आप को हम इस संसदीय सीट के बारे में कुछ जानकारी देंगे जो आपके लिए बेहद खास है
2008 में गौतम बुद्ध नगर सीट का गठन
2008 में गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. इसमें जेवर, नोएडा, दादरी, सिकंदराबाद,खुर्जा (सुरक्षित) विधानसभाएं शामिल हैं. नोएडा पूर्ण तौर पर शहरी है. जेवर, खुर्जा, सिकंदराबाद और दादरी अर्द्ध शहरी हैं. जहां नोएडा, दादरी और जेवर, गौतम बुद्ध नगर जिले में और सिकंदरबाद- खुर्जा, बुलंदशहर जिले में है. 2019 चुनाव में करीब 58 फीसद लोगों ने मतदान किया था और कुल 14 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमायी थी.
एक दफा बीएसपी, दो दफा बीजेपी का कब्जा
2009 में बीएसपी के सुरेंद्र नागर का कब्जा रहा जबकि 2014 और, 2019 में बीजेपी के डॉ महेश शर्मा को जीत मिली. 2009 से 2019 के बीच मतदाताओं की संख्या में करीब साढ़े आठ लाख की बढ़ोतरी हुई है. 2009 में कुल मतदाता 15, 22, 397 थे वहीं 2019 में कुल मतदाता 2302960 हो गए. पुरुष मतदाता- 12, 68324, महिला मतदाता- 1034503 थीं. 2019 में बीजेपी के डॉ महेश शर्मा को कुल 8, 30, 814 मत मिले थे और अपने निकटतम उम्मीदवार को बीएसपी के सतवीर को 3, 36 924 मतों से हराया था.
1 हजार लोगों से ली गई राय
इंडिया अड्डा की टीम ने सभी पांचों विधानसभाओं के अलग अलग इलाकों में लोगों से सवाल पूछे. हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के बारे में सवाल एक ही तरह का था. सवालों की कड़ी में बीजेपी के मौजूदा सांसद डॉ महेश शर्मा को लेकर सवाल था तो दूसरी तरफ उनके विकल्प को लेकर भी. इसके साथ बीएसपी और एसपी के संभावित उम्मीदवारों के साथ तुलना करते हुए भी सवाल किए गए. यह सर्वे 1 फरवरी से लेकर 14 फरवरी के बीच का है और कुल 1000 लोगों को इस प्रक्रिया का हिस्सा बनाया गया था.
सवाल नंबर 1- आप अपने मौजूदा सांसद से कितना खुश हैं ?
जवाब नंबर 1- इस सवाल का जवाब बेहद दिलचस्प था. करीब 80 फीसद लोगों ने कहा कि हमारे सांसद साहब किसी चीज को ना तो नहीं करते हैं. लेकिन सच यह भी है वो कुछ करते भी नहीं हैं. कुल मिलाजुला कर वोटर्स ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने माना कि अगर पीएम मोदी की लहर नहीं होती तो 2019 का चुनाव जीतना आसान नहीं था.
सवाल नंबर 2- अगर मौजूदा बीजेपी सांसद से इतनी नाराजगी है तो पार्टी के अंदर विकल्प क्या है ?
जवाब नंबर 2- करीब 75 फीसद लोगों ने कहा कि बीजेपी को उम्मीदवार बदलने के बारे में सोचना चाहिए. जब विकल्प की बात हुई तो दो नाम सामने आए. एक नाम बी एन सिंह का था जो इस जनपद के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं और दूसरा नाम गोपाल कृष्ण अग्रवाल का था. नोए़डा में गोपाल कृष्ण अग्रवाल को लोगों ने ज्यादा पसंद किया. लेकिन जेवर,दादरी, खुर्जा में बी एन सिंह भारी पड़ रहे थे. दादरी में दोनों के बीच मुकाबला करीब करीब बराबरी का नजर आया.
सवाल नंबर 3- बीएसपी और सपा के बारे में क्या राय है ?
जवाब नंबर 3- इस सवाल के जवाब में करीब 82 फीसद लोगों ने कहा कि ये दोनों दल अपने कोर वोटर्स के आगे बढ़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. आप जब तक समाज के सभी धड़ों में जगह नहीं बना पाएंगे. जीत की राह आसान नहीं हैं. 2019 के चुनाव में दोनों दल चुनाव लड़े और हार का अंतर तीन लाख से भी अधिक था. यहीं से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 2024 का चुनावी नतीजा इनके लिए कैसा रहेगा.
सवाल नंबर 4- इस पूरे क्षेत्र में मुद्दे क्या हैं?
जवाब नंबर 4- नोएडा के लोगों के सामने सबसे बड़ी परेशानी ट्रैफिक की नजर आई. प्राधिकरणों में भ्रष्टाचार का मुद्दा था,वहीं ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सोसायटियों में रजिस्ट्री का मुद्दा, बिल्डरों की मनमानी छाया रहा. वहीं गौतम बुद्ध के ग्रामीण इलाकों में आम लोगों ने कहा आज भी उन्हें कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. सरकारी अफसर बात नहीं सुनते.
सवाल नंबर 5- पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ कितने प्रभावी होंगे?
जवाब नंबर 5- इस सवाल के जवाब में करीब 85 फीसद लोगों ने कहा देश तो मोदी ही मांगता है. देश को ऐसे ही शख्स की जरूरत है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की धाक बढ़ा सके. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के बारे में भी करीब 80 फीसद लोगों ने कहा कि इसमें दो मत नहीं कि अपराधियों में खौफ है. विकास की योजनाएं भी जमीन पर नजर आ रही हैं. लेकिन अधिकारी निरंकुश हुए हैं. वो जनप्रतिनिधियों के साथ भी टालमटोल का व्यवहार रखते हैं तो आम लोगों के बारे में आप खुद ब खुद समझ सकते हैं.
(नोट- स्नैप सर्वे के जरिए लोगों की राय ली गई है.)