अगर अभी हुए चुनाव तो यह है घोसी लोकसभा का मिजाज, बढ़त पर बीजेपी

 

आम चुनाव 2024 के लिए अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन सियासी दल तैयारी में जुट गए हैं. अपनी अपनी जीत के दावे भी कर रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या उनका दावा जनता के बीच जगह बना पा रहा है. या सिर्फ राजनीतिक दलों और टिकट की उम्मीद में लगे उम्मीदवारों को लगता है कि वो दिल्ली पहुंचने में कामयाब होंगे. राजनीतिक दलों के दावों को परखने के लिए हमारी टीम यानी इंडिया अड्डा की टीम भी जमीन पर उतरी और लोगों के मूड को समझने की कोशिश की. उस क्रम में हम घोसी लोकसभा का मिजाज क्या है. यहां के लोग बीजेपी, सपा और बसपा के बारे में क्या सोचते हैं. कांग्रेस के बारे में क्या सोचते हैं. उसे जांचा, समझा और परखा.

हमने जनता से कुल 10 सवाल पूछे. सवालों के जरिए लोगों के मूड को भांपने की कोशिश की. लोगों ने कुल 10 सवालों के जवाब किस तरह से दिए. उसका मतलब क्या है. हमने जो 10 सवाल किए थे और उनके जो जवाब मिले. वो कुछ इस तरह हैं

सवाल नंबर 1. आप अपने मौजूदा सांसद के कामकाज से कितना खुश हैं.

जवाब- अब आप भी जानते हैं कि पिछले पांच साल से हमारे सांसद हम लोगों के बीच में नहीं हैं. हां उनके प्रतिनिधि जरूरत आते जाते रहे हैं. लेकिन यह तो सच है कि जब वो जमीन पर नहीं रहे तो कामकाज के बारे में कैसे टिप्पणी की जा सकती है.

सवाल नंबर 2. अगर मौजूदा सांसद को फिर से टिकट मिलता है तो क्या आप उनको वोट देंगे.

जवाब- इस सवाल का ज्यादातर जवाब नकारात्मक रहा.

सवाल नंबर 3. बीजेपी, को आखिर यहां से जीत क्यों नहीं मिलती है. अगर कुछ अपवाद को छोड़ दें.

जवाब- यहां के सामाजिक खांचे में बीजेपी के सामने मुश्किल है. लेकिन अब समय बदल चुका है. लोगों की सोच भी बदली है.लिहाजा बीजेपी को आप कमजोर नहीं मान सकते.

सवाल नंबर 4. अगर बीएसपी, एसपी का गठबंधन हो तो बीजेपी पर कितना असर होगा. इसके अलावा कांग्रेस की भूमिका क्या होगी.

जवाब- एसपी-बीएसपी के गठबंधन की बात तो अब मायावती के बयान के बाद खत्म हो चुकी है. लेकिन काल्पनिक तौर पर इसे मान भी लें तो अब अनुसूचित समाज में कई ऐसे समूह हैं जिनका मिजाज बदल रहा है. वहीं कांग्रेस के बारे में आम धारणा यही थी कि वो पार्टी तो वेंटिलेटर पर है और वेंटिलेटर पर पड़े दल के बारे में आप क्या उम्मीद कर सकते हैं.

सवाल नंबर 5. अगर दोनों दल अलग अलग चुनाव लड़ें तो क्या बीजेपी को जीत हासिल होगी.

जवाब- इस सवाल का को आजमगढ़ के नतीजों से देख सकते हैं. यह बात सच है कि आजमगढ़ में बीजेपी को कम अंतर से जीत हासिल हुई थी. लेकिन एक संदेश तो है कि अगर ये दोनों दल चुनाव अलग अलग लड़ें तो बीजेपी को फायदा मिल सकता है.

सवाल नंबर 6. समाजवादी पार्टी से राजीव राय के टिकट मिलने की चर्चा है क्या वो टक्कर दे पाएंगे.

जवाब- राजीव राय के परफॉर्मेंस को जनता देख चुकी है. उनके ऊपर बाहरी का टैग भी है. सबसे बड़ी बात यह है कि उन्हें एसपी के कोर वोटर्स भी उस तरह से साथ देते नजर नहीं आए.

सवाल नंबर 7. अगर बीजेपी की तरफ से मनोज राय को टिकट मिले तो क्या वो जीत पाएंगे.
जवाब- अगर मौजूदा समय की बात करें तो वे बीजेपी के लिए अच्छे कैंडिडेट साबित हो सकते हैं. लेकिन उन्हें बहुत मेहनत करने की जरूरत है

सवाल नंबर 8. दारा सिंह चौहान, बीजेपी के हिस्सा हैं, हालांकि चुनाव हार गए थे. क्या उनसे बीजेपी को फायदा होगा.

जवाब- घोसी उपचुनाव में दारा सिंह चौहान की हार बीजेपी से अधिक उनकी खुद की थी. सवर्ण समाज में नाराजगी जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा. हालांकि बीजेपी के सामाजिक समीकरण के दायरे में वो फिट नजर आते हैं.

सवाल नंबर 9. क्या राम मंदिर आने वाले लोकसभा चुनाव को प्रभावित करेगा.
जवाब- राम मंदिर का चुनाव पर असर पड़ेगा. लेकिन बीजेपी को जितनी उम्मीद है उतना फायदा यहां नहीं मिलने वाला है

सवाल नंबर 10, क्या पीएम मोदी का जलवा, अखिलेश यादव के पीडीए पर भारी पड़ेगा.
जवाब- इस सवाल के जवाब में करीब 55 फीसद वोटर्स ने कहा कि मोदी का जलवा भारी रहेगा. अखिलेश यादव पीडीए की बात तो करते हैं लेकिन हकीकत में उसका बहुत फायदा नहीं मिलने वाला.

हम आपको बता दें कि यह सर्वे पिछले साल नवंबर के आखिरी और दिसंबर के पहले हफ्ते में किया गया था. उस समय बीएसपी की तस्वीर साफ नहीं थी. हालांकि बीएसपी ने अब अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है तो तस्वीर बदल सकती है. आप अपने इलाके की ताजा जानकारी के लोगों के मूड को समझने के लिए बने रहिए हमारे साथ. हमारे यू ट्यूब चैनल को भी देखना ना भूलें.