Ram Mandir: सियासी तौर पर किसे होगा अधिक फायदा, क्या सोचती है यूपी की जनता
22 जनवरी का दिन बेहद खास है. खास हो भी क्यों नहीं बालरूप में राम लला अपने घर में विराजने जा रहे हैं. 500 साल बाद हम सब उस दिन के साक्षी बनेंगे.जिंदगी में कुछ पुण्य किए होंगे जिसका फल मिल रहा है. यह एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं, सैकड़ों हजारों नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की है. इंडिया अड्डा की टीम ने यूपी के अलग अलग जिलों का दौरा किया और लोगों से ये जानने की कोशिश की क्या बीजेपी सियासी फायदे के लिए बड़े पैमाने पर उत्सव मना रही है. क्या कांग्रेस के साथ दूसरे विपक्षी दल राम नाम से महज इसलिए परहेज कर रहे हैं उन्हें सियासी नुकसान होने वाला है. अगर इसके धार्मिक पहलू को छोड़ दिया जाए तो बीजेपी के दोनों हाथ में लड्डू है. क्या यूपी में 2024 के चुनाव में इससे बीजेपी को फायदा मिलेगा. ये वो सवाल थे जिसका हमें जवाब मिला. कुछ लोगों ने सीधे सीधे जवाब दिया तो कुछ लोग इधर उधर देखते रहे. कुछ सोचा-विचारा और फिर अपने दिल के राज को खोल दिया.
सवाल नंबर 1- राम मंदिर से सियासी तौर पर किसे अधिक फायदा होगा?
जवाब: हां- 90 फीसद
ना- 10 फीसद
सवाल नंबर 2- क्या बेवजह बीजेपी की सरकारें उत्सव मना रही हैं?
जवाब: हां- 60 फीसद
ना- 10 फीसद
सवाल नंबर 3- यूपी की सियासत में योगी-मोदी की जोड़ी को कैसे देखते हैं
जवाब- करीब 70 फीसद जनता ने माना कि यूपी को इसी तरह की सरकार चाहिए. हालांकि 25 फीसद का मत अलग था. विरोध में अपनी बात कहने वालों ने कहा कि बदलाव सिर्फ कागजों पर है. वहीं पांच फीसद को जानकारी नहीं थी.
सवाल नंबर-4 कांग्रेस को अब और कितना नुकसान होगा
जवाब- इस सवाल के जवाब में 90 फीसद से अधिक लोगों ने कहा कि आप झूठ की बुनियाद पर, दिखावे वाली राजनीति कब तक करेंगे. कभी ना कभी सच तो सामने आएगा. कांग्रेस खुद अपनी करनी का भुगतान कर रही है.
सवाल नंबर-5 विपक्ष के पास आखिर क्या मुद्दा होना चाहिए?
जवाब- 85 फीसद लोगों ने कहा कि जनसमस्याओं को लेकर विपक्ष उदासीन है. आप एसी कमरों में बैठकर किसी पीड़ित शख्स के दर्द को नहीं समझ सकते. जनता के सामने आज भी स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ दूसरी चुनौतियां है. लेकिन विपक्ष के नेता सिर्फ गाल बजाते हैं.