‘बाबू हमारे लिए तो वो किसी देवता से’… सलेमपुर में इस शख्स की क्यों हो रही है चर्चा
Who is Rajesh Singh Dayal: जिस तरह से क्रिकेट की पिच पर वही बल्लेबाज-गेंदबाज कीर्तिमान स्थापित करता है जो सधे अंदाज में खेलता है. ठीक वैसे ही सियासत की पिच पर वही शख्स झंडे गाड़ता है जो पब्लिक की नब्ज पहचानता है. पब्लिक की राजनीतिक पल्स का अंदाजा लगाना आसान तो नहीं होता. लेकिन जिसका उठना- बैठना, जीना-मरना लोगों के बीच हो, वो जनता के मूड को कम से कम समझ ही लेता है.यहां हम जिस शख्स की बात करने जा रहे हैं. उनकी कई पहचान है. नाम राजेश सिंह दयाल है. वैसे तो राजेश सिंह दयाल का नाता फिल्म मेकिंग और रियल एस्टेट सेक्टर से है लेकिन उनके इलाके की जनता उन्हें समाजसेवी कहती है. यदि उनके इलाके के लोग समाजसेवी कहते हैं तो उसकी तस्दीक उनके ट्विटर हैंडल से भी होती है.
सलेमपुर की है यह राय
अब बहुत देर तक हम सस्पेंस नहीं बनाएंगे कि हम किस इलाके की बात करने जा रहे हैं. इलाका सलेमपुर संसदीय क्षेत्र है जिसमें कुल पांच विधानसभाएं हैं. तीन विधानसभा बांसडीह, बेल्थरारोड और सिकंदर बलिया जिले में आती हैं जबकि सलेमपुर,भाटपार रानी देवरिया जिले में हैं.आम चुनाव 2024 के लिए तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है. लेकिन हमारी टीम यानी इंडिया अड्डा की टीम इन पांचों विधानसभाओं में लोगों के विचार-भाव क्या हैं. वो यहां के मौजूदा सांसद के बारे में क्या सोचते हैं उसे लेकर कुछ सवाल किए.
कौन हैं राजेश सिंह दयाल
सवाल बहुत साधारण था कि 2019 के नतीजों को कैसे देखते हैं. पांचों विधानसभाओं में ज्यादातर लोगों की राय यही थी कि आप जीत और हार के अंतर को देखिए आप खुद समझ जाएंगे. लोगों ने कहा कि भले ही बीजेपी और सपा-बसपा कैंडिडेट में जीत-हार का अंतर लाख मतों को रहा हो. वो जीत बीजेपी उम्मीदवार की अपनी जीत कम थी. इस तरह के सवालों-जवाबों के बीच हम आगे बढ़ते रहे. कई जगहों पर पोस्टर नजर आए जिस पर राजेश सिंह दयाल, समाजसेवी लिखा हुआ था. यह देख दिलचस्पी बढ़ी कि आखिर वो शख्स कौन है. अब इंडिया अड्डा की टीम ने सोचा कि खुद विश्लेषण करने से बेहतर है कि हम सीधे लोगों से ही सवाल जवाब करें.
लोगों से सवाल करने से पहले हमने राजेश सिंह दयाल के ट्विटर हैंडल को खंगाला. कुछ सवाल तैयार किए और सीधे सीधे लोगों से सवाल करने का दौर शुरू हुआ. चाहे बेल्थरा रोड हो. चाहे सिकंदरपुर, चाहे बांसडीद या सलेमपुर या भाटपार रानी ज्यादातर लोगों का जवाब यही था कि रउंवा लोग आदमी त बहुत सही हौन. उनके रहला से कम से कम स्वास्थ्य के क्षेत्र में गरीबन के बहुत फायदा बा. एकरे अलावा समय समय पर वो जरूरतमंदों की मदद करते हैं. इस तरह के जवाब से अंदाजा लगाना बेहद आसान था कि लोगों के दिल और दिमाग में राजेश सिंह दयाल का नाम अंकित है. इसके साथ ही हमारी टीम का सीधा सीधा सवाल होता था कि अगर ये आपके सामने बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर आएं तो क्या आप अपना समर्थन देंगे. अब इस सवाल के जवाब में लोग बंटते नजर आए. पांचों विधानसभाओं में करीब 30 फीसद ऐसे लोग मिले जिनका मत था कि उनका समर्थन तो पूरी तरह राजेश सिंह दयाल के साथ है. लेकिन 70 फीसद आबादी के मूड में स्विंग देखा गया. अब 70 फीसद लोगों के मूड को जब समझने की कोशिश की गई तो मोदी और योगी के चेहरे को सवाल में ऐड किया गया और जो नतीजे मिले वो बेहत उत्साही थे.