‘पहाड़ों की रानी’ के नाम से जानी जाती है ये खूबसूरत वादी, घर आने का मन ही नहीं करेगा

 

Best Tourist Places Ooty: अगर आप घूमने-फिरने के शौकीन है तो ये खबर सिर्फ आपके लिए है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु में नीलगिरी की पहाड़ियों में एक बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक जगह है जिसे हम ‘पहाड़ों की रानी’ के नाम से जानते हैं…. इशारों में बात तो समझ ही गए होंगे न… हम बात कर रहे हैं ऊटी की। यह बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल है। कम लोगों को मालूम है ऊटी का पूरा नाम उदगमंडलम है।

ऊटी कोयंबटूर से लगभग 85 किलोमीटर दूर उत्तर और मैसूर से लगभग दक्षिण दिशा में 130 किमी की दूरी पर स्थित है। ऊटी को हम देश के सबसे बेहतरीन टूरिस्ट प्लेसेस में से एक कह सकते हैं। यहां पर खूबसूरत वादियों के साथ-साथ कई लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो यहां पर आपको लगातार खींचकर लाते हैं। ऊटी में दुनिया भर से भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।

देश की अन्य जगहों की तुलना में ऊटी ज्यादा ठंडा

वैसे तो भारत में हर तरह के मौसम वाली जगहें हैं और दक्षिण भारत के राज्यों की बात करें तो वहां काफी गर्मी होती है, लेकिन ऊटी की बात करें तो वहां पर दक्षिण भारत के अन्य राज्यों की अपेक्षा मौसम काफी सर्द रहता है। इसलिए ऊटी जाने वाले पर्यटकों को अपने जरूरी सामान के साथ गर्म कपड़े भी लेकर जाने चाहिए, ताकि वहां के मौसम में खुद को बीमार होने से बचा सकें।

आश्चर्यजनक दृश्यों, विशाल चाय के बागानों और शांत झीलों से लेकर झरनों और भव्य बगीचों तक, यहां देखने और अनुभव करने के लिए बहुत कुछ है। अगर आप भी 2 दिन के लिए इस खूबसूरत हिल स्टेशन पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आइए आज हम आपको इस खूबसूरत हिल स्टेशन पर घूमने के बारे में सारी जानकारी देते हैं।

यदि आप सोच रहे हैं कि ऊटी में क्या करें और ऊटी में क्या देखें, तो नीचे दिए गए विभिन्न दर्शनीय स्थलों पर एक नज़र डालें। घूमने की इन दिलचस्प जगहों के साथ आप एक यादगार ऊटी यात्रा की योजना बना सकते हैं।

नीलगिरि माउंटेन रेलवे यात्रा का लुत्फ उठाएं

अगर आप ये सोच रहे हैं कि ऊटी आने के बाद क्या करें ऊटी में आप सबसे पहले नीलगिरि माउंटेन रेलवे को जरूर देखने जाएं ये ब्रिटिश शासन में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बनाया गया था। ये एक वैश्विक धरोहर के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाता है। आपको बता दें कि यह एक 46 किलोमीटर की खूबसूरत टॉय ट्रेन यात्रा है जो मेट्टुपालयम से शुरू होकर ऊटी में खत्म होती है। 5 घंटे की इस यात्रा के दौरान आप कई सुरंगों, खूबसूरत घाटियों और मनोरम प्रकृतिक नजारों लुत्फ उठाते हुए गुजरते हैं। ये रेल सेवा साल 1908 में शुरू हुई थी। ये 300 फीट नीचे से लेकर 7200 फीट की ऊंचाइंयों तक की रोमांचकारी यात्रा है।

ऊटी झील में लें बोट हाउस का आनंद

ऊटी की नीलगिरि माउंटेन रेलवे यात्रा के बाद आपको ऊटी झील का भी आनंद लेना चाहिए। इसे ऊटी बोट हाउस के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर घूमने के लिए आए पर्यटकों को झील में स्थित बोट हाउस में नौका विहार करवाता है। ऊटी झील को साल 1824 में जॉन सुलविन ने बनवाया था। ये 65 एकड़ का एक क्षेत्र है जहां पर इस कृत्रिम झील का निर्माण किया गया है। इस झील का निर्माण पहाड़ी से बहने वाली पानी की धाराओं को बांध से रोककर किया गया है। कई बार बांध टूट जाने की वजह से झील सूख भी गई है।

टी एस्टेट प्वाइंट नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा

ऊटी गए और यहां के फेमस टी एस्टेट व्यूपॉइंट तक नहीं गए तो आपका वहां जाना बेकार है। डोड्डाबेट्टा पीक से महज दस मिनट में आप वहां पहुंच सकते हैं। इसके नाम से ही साफ तौर पर स्पष्ट है कि ये एक विशाल चाय एस्टेट की परिधि में स्थित है। इस व्यूपॉइंट में एक जिसमें एक म्यूजियम और एक चाय फैक्ट्री भी है। इतना ही नहीं आप यहां पर एक कप ताजी चाय का भी मजा ले सकते हैं। इसके अलावा आप यहां से फैक्ट्री आउटलेट पर कई किस्मों की चाय, चॉकलेट, आवश्यक तेल और कई अन्य चीजों की खरीददारी भी कर सकते हैं। यहां आप सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक निःशुल्क घूम सकते हैं।

कलाहट्टी झरने का खूबसूरत नजारा देखने से न चूकें

वैसे तो ऊटी में खूबसूरत नजारों की कोई कमी नहीं है लेकिन अगर आप ऊटी गए हैं तो कलाहट्टी झरना देखना न भूलें। ये बहुत ही मनमोहक है जिसे आप मिस नहीं कर सकते हैं। ये ऊटी से महज 10-12 किलोमीटर की दूरी पर ऊटी-मैसूर रोड पर है। ऊटी का कलाहट्टी झरना देश के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है। कलाहट्टी गांव से झरने तक पहु्ंचने के लिए आपको दो मील की वॉकिंग करनी पड़ेगी। माना जाता है कि कभी अगस्त मुनि का यहीं पर निवास होता था। पशु-पक्षियों से प्रेम करने वाले लोग यहां अक्सर आते हैं यहां की प्राकृतिक सुंदरता आपको निश्चित ही मंत्रमुग्ध कर देगी।

ऊटी घूमने जाने का सही समय कब?

ऊटी की खूबसूरत वादियों और प्राकृतिक नजारों के बारे में तो आप जान ही गए हैं अब आपको ये तय करना है कि ऊटी घूमने के लिए सबसे सही समय कौन सा होता है। वैसे तो ऊटी घूमने के लिए साल के सभी दिनों में दुनिया भर से पर्यटक आते हैं लेकिन यहां आने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच माना जाता है। मार्च से जून के महीनों में जब पूरे देश में पारा चढ़ा रहता है तब ऊटी में तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के अंदर तक ही सीमित रहता है। जुलाई से सितंबर तक ऊटी में जोरदार बारिश होती रहती है जिसकी वजह से इस दौरान पर्यटकों की संख्या में कमी रहती है। वहीं अक्टूबर से लेकर फरवरी तक ठंड की वजह से यहां का टेंप्रेचर 5 डिग्री सेल्सियस से भी कम रहता है।

(सौम्या सिंह एक स्तंभकार हैं)