Russian in Karnatak Cave: कर्नाटक के गोकर्ण के पहाड़ी और घने जंगली इलाके से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे..पहाड़ी, घने जंगल, जानवरों और विषैले सांपों वाला यह इलाका इतना खतरनाक माना जाता है कि यहां कोई रहने की सोच नहीं सकता। यहां रहना एक तरह से अपनी जिंदगी दांव पर लगाना है। बारिश के मौसम में भूस्खलन का खतरा अलग से रहता है लेकिन इन खतरों और चुनौतियों के बीच, गोकर्ण में रामतीर्थ पहाड़ी क्षेत्र के जंगल में स्थित एक गुफा में एक रूसी महिला अपनी दो छोटी बेटियों के साथ गुपचुप तरीके से यहां बीते दो सप्ताह से रह रही थी।
रूसी महिला की दो बेटियां
40 साल की इस रूसी महिला का नाम मोही बताया जा रहा है और उसकी दो बेटियां प्रेया की उम्र छह वर्ष सात महा और दूसरी बेटी अमा की उम्र साल है। इस निर्जन, बियांबान, बेहद ढालान वाले दुरूह पहाड़ी इलाके में रूसी महिला को एक प्राकृतिक गुफा मिल गई थी। यहां दूर-दूर तक किसी का आना-जाना नहीं होता था। रूसी महिला ने इस गुफा के भीतर अपने और बेटियों के रहने लायक जगह बना ली थी। इस गुफा के भीतर उसने भगवान रूद्र की प्रतिमा स्थापित की थी। जिसके पास वह बैठकर पूजापाठ करती और ध्यान लगाती थी।
गश्ती पर निकली थी पुलिस
इस गुफा में रूसी महिला और उसकी बेटियों के होने के बारे में स्थानीय पुलिस को तब जानकारी हुई जब वह भूस्खलन की निगरानी के लिए गश्ती कर रही थी। इस गश्ती के दौरान उसे दूर से गुफा के बाहर कुछ कपड़े दिखाई दिए जिन्हें सूखने के लिए फैलाया गया था। इसके बाद झाड़ियों, पत्थरों के बीच कड़ी मशक्कत करते हुए पुलिस इस गुफा तक पहुंची और रूसी महिला को अपने बेटियों के साथ रहते हुए पाया।
बिजनेस वीजा पर भारत आई थी
इसके बाद 9 जुलाई को महिला और उसकी बेटियों का रेस्क्यू किया गया। पुलिस जांच में पता चला कि महिला बिजनेस वीजा पर भारत आई थी और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद 8 वर्ष से अधिक समय से भारत में रुकी है। पूछताछ करने पर विदेशी महिला ने बताया कि वह अपने बच्चों के साथ गोवा से आई है क्योंकि वह जंगल में रहकर भगवान की पूजा और ध्यान करना चाहती है।
2017 में समाप्त हो गया था वीजा
फिर रूसी महिला और उसके बच्चों को पहाड़ी पर स्थित गुफा से सुरक्षित नीचे उतारा गया। उनकी इच्छा के अनुसार, उन्हें महिला पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में कुमटा तालुका में योग रत्न सरस्वती स्वामीजी के आश्रम में पहुंचाया गया। मोही ने पुलिस को बताया कि उसका और उसकी बेटियों के पासपोर्ट और वीजा गुम हो गए हैं। हालांकि, गुफा और आसपास के जंगल की बाद में की गई तलाशी के दौरान पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेज बरामद किए, जिनसे पता चला कि उनका वीजा 17 अप्रैल, 2017 को समाप्त हो चुका था। अब रूसी महिला और उसके बच्चों को रूस वापस भेजने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा के लिए वे फिलहाल महिला स्वागत केंद्र की देखरेख में हैं। अधिकारियों ने बताया कि महिला और उसकी बेटियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए एक महिला पुलिस अधिकारी की निगरानी में 14 जुलाई को बेंगलुरु के शांतिनगर में एफआरआरओ के समक्ष पेश किया जाएगा।