राम मंदिर अभियान को आंदोलन में बदलने वाले चेहरे, जिनकी बदौलत साकार हुआ हिंदू समाज का सपना
22/01/2024
06:16

राम मंदिर अभियान को आंदोलन में बदलने वाले चेहरे, जिनकी बदौलत साकार हुआ हिंदू समाज का सपना
Ram Mandir: करीब 500 साल बाद अयोध्या अपने पुराने गौरव एवं वैभव को प्राप्त कर रहा है। भव्य एवं दिव्य राम मंदिर में राम लला पधार चुके हैं। राम लला को अपना नया घर मिलने का उत्साह अंसख्य हिंदुओं में देखा जा रहा है। देश और दुनिया में बसे हिंदू बेहद खुश हैं। 23 जनवरी से श्रद्धालु राम लला के दर्शन करने लगेंगे। आज का राम मंदिर सदियों की आस्था एवं दशकों के आंदोलन एवं कानूनी लड़ाई का नतीजा है। राम मंदिर के सपने को साकार करने के लिए विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल एवं भाजपा ने लंबी लड़ाई लड़ी। राम मंदिर अभियान को एक आंदोलन में खड़ा करने वाले ऐसे ही कुछ चेहरे के बारे में हम चर्चा करेंगे जो अब इस दुनिया में नहीं हैं और जो अभी हैं वह एक तरह से गुमनामी में हैं।
लालकृष्ण आडवाणी
राम मंदिर के लिए हिंदू जनमानस को उद्वेलित करने और उन्हें एकजुट करने में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की बहुत बड़ी भूमिका रही है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने के लिए आडवाणी ने 1990 में सोमनाथ से रथ यात्रा निकाली। यह रथ यात्रा देश के अलग-अलग हिस्सों से गुजरी। रथ यात्रा जहां से गुजरी वहां इसे अपार समर्थन मिला। लेकिन आडवाणी की यह रथ यात्रा बिहार के समस्तीपुर में रोक ली गई। सीएम लालू यादव के आदेश पर आडवाणी को गिरफ्तार किया गया। आडवाणी की इस रथ यात्रा ने राम मंदिर के निर्माण के लिए देश में एक माहौल खड़ा कर दिया।
अशोक सिंघल
सिंघल विश्व हिंदू परिषद के बड़े नेता थे। अब वह इस दुनिया में नहीं हैं। राम मंदिर आंदोलन का इन्हें शिल्पकार माना जाता है। हिंदू समाज का समर्थन जुटाने के लिए इन्होंने अपनी संपत्ति तक समर्पित कर दी।
मुरली मनोहर जोशी
भाजपा के कद्दावर नेताओं में शुमार जोशी ने राम मंदिर के लिए विशेष अभियान चलाया। 1992 के दौरान इनकी राजनीतिक सक्रियता और वाकपटुता से मंदिर के पक्ष में माहौल तैयार हुआ। बाबरी मस्जिद गिरने के बाद उमा भारती को गले लगाने वाली इनकी तस्वीर काफी लोकप्रिय हुई।
कल्याण सिंह
1992 में बाबरी मस्जिद का जब विध्वंस हुआ तो कल्याण सिंह उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। बाबरी मस्जिद के गिरने के अगले दिन ही इन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। कल्याण सिंह ने कहा कि राम मंदिर नाम पर सत्ता मिली थी। मकसद पूरा हुआ। ऐसे में सरकार राम मंदिर के नाम पर कुर्बान। इस मामले में कल्याण सिंह को एक दिन की सजा भी हुई।
उमा भारती
राम मंदिर आंदोलन के सबसे प्रभावशाली नेताओं में उमा भारती की गिनती होती है। राम मंदिर के लिए इनका ओजस्वी भाषण लोगों में जोश एवं ऊर्जा भरने का काम किया। इन पर बाबरी विध्वंस के लिए कारसेवकों को उकसाने का आरोप लगा। राम मंदिर आंदोलन के समय उमा भारती के भाषण हिंदू समुदाय ने काफी पसंद किया।
इन नेताओं के अलावा राम मंदिर आंदोलन में साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, प्रवीण तोगड़िया एवं प्रमोदी महाजन जैसे नेताओं की सक्रिय भूमिका रही।
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